- हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है
- इस महीने मासिक शिवरात्रि 9 मई को मनाई जा रही है
- मासिक शिवरात्रि पर शिव जी की पूजा बेलपत्र, जल और दूध से पूजा के बाद सुनना चाहिए कथा
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने मासिक शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के गणना के मुताबिक, मई महीने में चतुर्दशी तिथि 9 तारीख को पड़ रही है। भगवान शिव के भक्तों के लिए मासिक शिवरात्रि बेहद महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है।
मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से इच्छा शक्ति प्रबल होती है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव की आराधना करने से अदम्य साहस बढ़ता है। मासिक शिवरात्रि पर लोग भगवान शिव के मंदिर में जाते हैं तथा उनकी पूजा अराधना करते हैं। इस महामारी के दौर में मंदिर जाने के बजाय आप घर रह कर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस महीने 9 मई के दिन प्रीति और आयुष्मान योग बन रहे हैं जिससे यह दिन बेहद शुभ माना जा रहा है। कहा जाता है कि इस योग में अगर कोई इंसान शुभ कार्य करता है तो वह अवश्य सफल होता है। भगवान शिव की पूजा करते समय उन्हें बेलपत्र,जल और दूध अवश्य अर्पित करें साथ में कथा का पाठ करें।
मासिक शिवरात्रि व्रत कथा:
प्रख्यात कथा के अनुसार, भगवान शिव महाशिवरात्रि की अर्धरात्रि पर शिवलिंग के रूप में उत्पन्न हुए थे। जब भगवान शिव प्रकट हुए थे तब भगवान ब्रह्मा और विष्णु जी ने विधि अनुसार उनकी पूजा की थी। उस दिन से लेकर आज तक हर महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जन्म उत्सव मनाया जाता है और मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव के भक्त उनकी आराधना करते हैं।
सनातन धर्म के शास्त्रों में यह उल्लेख मिलता है कि उद्धार प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती जैसी कई देवियों ने शिवरात्रि व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा आराधना की थी।
मासिक शिवरात्रि महत्व: मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं तथा मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह कहा जाता है कि जो स्त्रियां संतान प्राप्ति के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखती हैं भगवान शिव उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं।