- आज मनाया जा रहा है तुलसी विवाह।
- इस दिन होती है मां तुलसी और भगवान शालिग्राम की पूजा।
- तुलसी विवाह पर देवी तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराया जाता है।
Tulsi Vivah 2021 Tulsi Mata Ka Shringar: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष तुलसी विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पड़ता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान एकादशी, देवउठनी एकादशी और प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी तिथि पर देवी तुलसी और भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप का विवाह कराने की परंपरा है। इस दिन विधि-विधान से देवी तुलसी और शालिग्राम भगवान की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर तुलसी विवाह करवाने से देवी तुलसी और शालिग्राम भगवान की कृपा प्राप्ति होती है। इसके साथ घर में सुख, समृद्धि और शांति बना रहता है। मान्यताओं के अनुसार, सुहागिन स्त्रियों को तुलसी विवाह अवश्य करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सुहागिन स्त्रियों को सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी और शालिग्राम भगवान की पूजा विधि-विधान से करना चाहिए। इस दिन तुलसी विवाह करने से पहले माता तुलसी का श्रृंगार अवश्य करना चाहिए। मां तुलसी का श्रृंगार करके ही उनका विवाह शालिग्राम भगवान के साथ करवाएं।
कैसे करें मां तुलसी का श्रृंगार
मां तुलसी का श्रृंगार करने के लिए सबसे पहले तुलसी के गमले को अच्छी तरह से साफ कर लें। अब मां तुलसी को लाल रंग की साड़ी पहनाएं। लाल रंग की साड़ी पहनाने के बाद उन्हें आभूषणों से सजाएं। मां तुलसी का श्रृंगार करते समय आप उनको कमरबंद, मांग टीका, नथनी, चूड़ी, गले का हार आदि से सजा सकते हैं। मां तुलसी का विवाह कराने से पहले उन्हें लाल रंग की चुनरी ओढ़ाएं। माता तुलसी का श्रृंगार करते समय तुलसी के पौधे का ध्यान रखें। ज्यादा भारी आभूषणों का प्रयोग ना करें जिससे तुलसी का पौधा झुक जाए।
मां तुलसी की शादी भगवान शालिग्राम से करवाते समय उन्हें मंगलसूत्र अवश्य पहनाएं।