- शास्त्र के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है तुलसी विवाह।
- इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप के साथ तुलसी माता का होता है विवाह।
- तुलसी पूजन करने से घर में आती है सुख-समृद्धि।
Tulsi Vivah 2021 Tulsi Ji Ki Aarti & Puja Mantra Lyrics In Hindi: तुलसी विवाह हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल तुलसी विवाह 15 नवंबर दिन सोमवार यानी आज है। भारत में इसे देवउठनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम अवतार के साथ मां तुलसी का विवाह कराया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, तुलसी विवाह कराने से कन्यादान के समान फल की प्राप्ति होती है। माता तुलसी की पूजन घर से दरिद्रता खत्म करता है।महिलाओं के लिए तुलसी पूजा बेहद लाभकारी माना जाता है। ऐसी मान्यता हैं कि तुलसी पूजा करने से मां तुलसी प्रसन्न होकर अखंड सौभाग्य रहने का वरदान देती हैं।
यदि आप भी मां तुलसी की के साथ भगवान श्री हरि का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो तुलसी विवाह के दिन उनके पूजन करने के बाद यहां बताएं गए आरती और मंत्र जरूर पढ़ें। यह मंत्र और आरती न केवल भगवान हरि और मां तुलसी को प्रसन्न कर देगा बल्कि आपके घर आंगन को भी पवित्र बना देगा। यहां आप तुलसी विवाह की आरती और मंत्र देखकर शुद्ध-शुद्ध पढ़ सकते हैं।
तुलसी माता का स्तुति मंत्र
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः,
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
मां तुलसी का पूजन मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
तुलसी माता का ध्यान मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
तुलसी माता की आरती
जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।।
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
रुज से रक्षा करके भव त्राता
जय जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित
पतित जनो की तारिणी विख्याता
जय जय तुलसी माता ।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता
जय जय तुलसी माता ।।