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Mirabai Chanu Welcome: रजत पदक विजेता मीराबाई चानू का भारत वापसी पर जोरदार स्वागत, देखिए विडियो

Mirabai Chanu welcome in India
Updated Jul 26, 2021 | 19:13 IST

Mirabai Chanu's welcome: वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू का स्वदेश वापसी पर जोरदार स्वागत किया गया है।

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Mirabai Chanu welcome in IndiaMirabai Chanu welcome in India
तस्वीर साभार:&nbspAP
Mirabai Chanu welcome in India
मुख्य बातें
  • टोक्यो ओलंपिक 2020 - मीराबाई चानू का स्वदेश वापसी पर जोरदार स्वागत
  • चानू ने ओलंपिक में भारत के लिए जीता है रजत पदक
  • वापस लौटकर बोलीं मीराबाई चानू- इतना प्यार मिलता देख बहुत खुश हूं

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में पदक जीतने वाली भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) सोमवार को स्वदेश लौटी तो हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान हालांकि हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी भी मच गयी और कोविड-19 से बचाव के लिए लागू किये सामाजिक दूरी के नियमों की पूरी तरह अनदेखी की गयी।

मीराबाई चानू सुरक्षाकर्मियों के बीच इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर निकली, जहां उनके चेहरे पर मास्क और फेस शील्ड लगा था। उन्होंने यहां पहुंचने के बाद ट्वीट किया, ‘‘ इतने प्यार और समर्थन के बीच यहां वापस आकर खुशी हो रही है। बहुत - बहुत धन्यवाद।’’ इस 26 वर्षीय खिलाड़ी का ‘भारत माता की जय’ के नारों से स्वागत किया गया और भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों सहित अन्य लोगों ने उनका अभिनंदन किया।

हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही वहां इंतजार कर रहे रहे मीडियाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया, जिस दौरान धक्का-मुक्की भी हुई। सुरक्षाकर्मियों ने हालांकि उनके आस-पास घेरा बनाकर रास्ता बनाया। उनका शाम को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने का कार्यक्रम है।

मणिपुर की इस खिलाड़ी ने 49 किग्रा वर्ग में कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर शनिवार को रजत पदक हासिल किया था। इससे पहले भारोत्तोलन में 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी के कांस्य पदक जीता था।

इस शानदार प्रदर्शन से उन्होंने 2016 के खेलों की निराशा को दूर किया जहां वह एक भी वैध भार उठाने में विफल रही थी। चानू पूर्व विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भी रह चुकी हैं।

वह इन खेलों से पहले अमेरिका में अभ्यास कर रही थी और अपने आत्मविश्वास से भरे प्रदर्शन के साथ पदक की उम्मीदों पर खरी उतरी। चानू पिछले पांच वर्षों से अपने खेल पर ध्यान देने के लिए परिवार से दूर रही। वह इस दौरान सिर्फ पांच दिन तक अपने परिवार के साथ रही है।