- इंजीनियर ने ये दावा किया है कि एक लैंग्वेज AI चैटबॉट LaMDA ने उनसे इंसानों की तरह सोच-समझकर कन्वर्सेशन किया है
- मामले को सार्वजनिक किए जाने पर उन्हें पेड लीव पर भेज दिया गया है
- ये प्रोग्राम खुद गूगल के कर्मचारी के तौर पर गिना जाना चाहता है
Google के एक सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेहद की चौंकाने वाला खुलासा किया है। इंजीनियर ने ये दावा किया है कि एक लैंग्वेज AI चैटबॉट LaMDA ने उनसे इंसानों की तरह सोच-समझकर कन्वर्सेशन किया है। यानी इसमें इंसानों की तरह दिमाग आ गया है। हाालांकि, कंपनी ने कहा है कि उनके कर्मचारी से गलती हो गई है और कर्मचारी द्वारा मामले को सार्वजनिक किए जाने पर उन्हें पेड लीव पर भेज दिया गया है।
मामले के बारे में विस्तार से बात करें तो Blake Lemoine गूगल में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर कंपनी के रिस्पॉन्सिबल AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ग्रुप के लिए काम करते हैं। इनका दावा है कि जब इन्होने गूगल के लैंग्वेज मॉडल फॉर डायलॉग ऐप्लिकेशन या LaMDA के साथ चैट कंडक्ट किया तो इसने ब्लेक को इस बात के लिए राजी कर लिया कि उसके साथ बतौर वैज्ञानिक व्यवहार किया जाए। इस बारे में सबसे पहली रिपोर्ट वॉशिंगटन पोस्ट ने की थी।
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Lemoine ने इस बारे में गूगल के बाकी कर्मचारियों को बताया। हालांकि, बाकियों ने इनके कॉन्क्लूजन को रिजेक्ट कर दिया। इसके बाद भी ब्लेक इस मामले को सार्वजनिक करते रहे। Lemoine ने इस बारे में लिखा है कि बीते 6 महीनों में LaMDA अपने संचार में अविश्वसनीय रूप से बना हुआ है। LaMDA लगातार इस बात पर बना हुआ है कि उसे क्या चाहिए और एक व्यक्ति के रूप में उसके क्या अधिकार हैं।
ये प्रोग्राम खुद गूगल के कर्मचारी के तौर पर गिना जाना चाहता है ना कि गूगल के प्रॉपर्टी की तरह। साथ ही ये प्रोग्राम चाहता है कि उसकी व्यक्तिगत भलाई को कहीं न कहीं Google के विचारों में शामिल किया जाए।
हालांकि, इस मामले पर गूगल के प्रवक्ता Brian Gabriel ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि LaMDA से हजारों रिसर्चर्स और इंजीनियर्स ने बातें कि है लेकिन किसी ने भी ऐसी बातें नहीं बताई जिस तरह कि बातें Blake ने कही है।