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जानिए क्या है Geomagnetic तूफान, जो आज धरती से टकराएगा, हो सकती हैं ये दिक्कतें

Updated Apr 07, 2022 | 10:22 IST

Geomagnetic Storm: सूरज पर हलचलें बढ़ने की वजह से धरती (Earth) से आज एक सोलर तूफान (Solar Storm) टकरा सकता है। NOAA ने कहा था तीन मार्च को करीब 25 डिग्री लंबी सूरज की लपट से तूफान उठा था।

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जानिए क्या है Geomagnetic तूफान, जो आज धरती से टकराएगा
मुख्य बातें
  • आज किसी भी समय धरती से टकरा सकता है जियोमैग्नेटिक तूफान
  • Geomagnetic Storm धरती के चुंबकीय क्षेत्र में बड़ा व्यवधान पैदा करता है
  • बिजली सहित इन उपकरणों में आ सकती है कई दिक्कत

Geomagnetic Storm: पृथ्वी पर आज भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic Storm) आने की संभावना है। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीसी) ने इस पूर्वानुमान की पुष्टि की है। एनओएए ने कहा 3 अप्रैल 2022 को प्लाज्मा की एक फिलामेंट का निर्माण हुआ था। यह फिलामेंट बेहद विशालकाय, गहरी और ताकतवर था। हालाकि एनओएए ने आम लोगों के लिए कोई एहतियाती उपाय जारी नहीं किया है।

भू-चुंबकीय तूफान क्या है?

एक भू-चुंबकीय तूफान को चुंबकीय तूफान के रूप में भी जाना जाता है जब सौर हवाओं की ऊर्जा धरती के पर्यावरण से टकराती है। इस दौरान सूर्य की सतह पर बड़े पैमाने पर भारी विस्फोट होते हैं और तेज और चमकदार प्रकाश के साथ भारी मात्रा में ऊर्जा छोड़ते हैं जिसे सन फ्लेयर भी कहते हैं। कहा जाता है कि इस दौरान अंतरिक्ष में कई मिलियन मील प्रति घंटे की गति से एक अरब टन के बराबर चुंबकीय ऊर्जा निकलती है, जिससे सूर्य की बाहरी सतह का कुछ हिस्सा खुल जाता है और इसी छेद से आग के गोले की तरह दिखने वाली ऊर्जा निकलने लगती है। अगर यही ऊर्जा लगातार कई दिनों तक निकलती है और वह छोटे न्यूक्लियर कण में तब्दील होकर ब्रह्मांड में फैल जाते हैं, जिसे जियोमैग्नेटिक तूफान कहा जाता है।

अगर जियोमैग्नेटिक तूफान ज्यादा ताकतवर होता है तो वह सैटेलाइट लिंक्स को बाधित कर देता है। धरती की कक्षा में घूम रहे यंत्रों और इलेक्ट्रॉनिक्स को नुकसान पहुंचाने की पूरी ताकत रखता है। ये तूफान सौर हवा में भिन्नता के परिणामस्वरूप उत्पन्न होते हैं जो पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में धाराओं, प्लाज़्मा और क्षेत्रों में बड़े बदलाव लाते हैं।

होती हैं इतनी श्रेणियां

जियोमैगनेटिक तूफानों को G1 से G5 तक की श्रेणी में रखा जाता है जिसमें  G5 सबसे ताकतवर होता है। जी 4 या जी 5 - पृथ्वी पर जीवन को बदलने वाली घटनाओं का कारण बनेगा और बिजली से चलने वाली किसी भी चीज को नुकसान पहुंचाएगा। NOAA ने  ट्वीट करते हुए खहा कि तीन मार्च को करीब 25 डिग्री लंबी सूरज की लपट से तूफान उठा था, इसके कारण जियोमैगनेटिक तूफान 6 अप्रेल को देर रात धरती से टकराएगा। यह तूफान करीब 7 अप्रेल तक चलेगा। हालांकि धरती की तरफ बढ रहा जियोमैगनेटिक तूफान (Geomagnetic Storm) कमजोर है जिसे  G1 श्रेणी में रखा गया है।

स्पेसवेदर ने अपने अवलोकन में कहा, 'तूफान बादल का एक अंश पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है और 5 या 6 अप्रैल को हमारे ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र पर हमला कर सकता है। एक चमकदार झटका एक मामूली जी 1 श्रेणी के भू-चुंबकीय तूफान को जन्म दे सकता है।'

 भू-चुंबकीय तूफान का प्रभाव

उरोरा को अधिक ऊंचाई पर धकेलने के अलावा, ये तूफान विद्युत प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है, जिसमें बिजली ग्रिड और बिजली संयंत्र, रेडियो और उपग्रह संचार और नेविगेशन सिस्टम शामिल हैं। इस साल फरवरी में, टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलोन मस्क की स्टारलिंक परियोजना को भारी झटका लगा जब एक भू-चुंबकीय तूफान ने इसके 40 उपग्रहों को क्षतिग्रस्त कर दिया।