- अगले 20 साल में वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड के इजाफे की संभावना
- तापमान में वेदर साइकिल में होगा बड़ा बदलाव
- अनियिमित गर्मी, सर्दी और बारिश से होगा सामना
Global Temprature News: सामान्य तौर पर जब पारा 40 के पार चला जाता है, तो हम सब कहते हैं कि गरमी कहर बरपा रही है। लेकिन पारे में अगर और इजाफा हो जाए तो तस्वीर किस तरह की बनेगी उसकी कल्पना कर दिल और दिमाग दोनों घबराने लगते हैं। अगले 20 साल में गरमी कितना बढ़ेगा कि उसके बारे में इंटर गवर्नमेंट पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज में जो रिपोर्ट दी गई है वो चिंता बढ़ाने वाली है, रिपोर्ट के मुताबिक अगले 20 वर्ष में तापमान में करीब 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड का इजाफा होगा।
सभी देशों को एक मंच पर आना होगा
संयुक्त राष्ट्र ने इस रिपोर्ट का नाम कोड रेड फॉर ह्यूमैनिटी दिया है। यूएन का कहना है कि रिपोर्ट भयावह है और सभी देशों को बिना किसी पूर्वाग्रह के ग्रीन हाउस गैसों की कटौती पर काम करना होगा। अगर हम मानवता को बचाना चाहते हैं तो बिना किसी दूरी के एक साथ खड़ा होना होगा। अगर हम ऐसा कर पाने में कामयाब नहीं होते हैं तो आने वाले दुष्प्रभावों को झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए।
भारत पर कितना पड़ेगा असर
अगर 1850-1900 के कालखंड से तुलना करें तो वैश्विक तापमान औसत से 1.1 डिग्री अधिक है। इसमें .4 डिग्री के इजाफे से हीट वेव जैसे हालात बनेंगे, गर्मी का मौसम बढ़ जाएगा ठंड के महीनों में कमी आएगी। इसके साथ ही समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी होगी।अब इस तापमान बढ़ोतरी का भारत पर कितना प्रभाव पड़ेगा यह समझना भी जरूरी है। इस तरह की बढ़ोतरी से गर्मी औ लू की अधिकता होगी। जंगलों में आग लगने की घटनाओं में इजाफा होदा। दक्षिण भारत के राज्यों में बारिश अधिक होगी। अब इस तरह की तस्वीर से भारत के तटीय नगरों में बाढ़ की संभावना और उनके डूबने का खतरा ज्यादा होगा।
क्या है IPCC
सरकार और संगठनों द्वारा स्वतंत्र विशेषज्ञों की समिति जलवायु परिवर्तन पर वैज्ञानिक सहमति प्रदान करने के उद्देश्य से एक समिति बनाई गई जिसे आईपीसीसी कहते हैं। इस पैनल से जुड़े वैज्ञानिक वैश्विक तापमान में वृद्धि से जुड़ी जानकारियां देते हैं और उसके आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाती है। आईपीसीसी समय समय पर दुनिया के देशों को आगाह करने के साथ साथ सुझाव भी देती है कि वैश्वित तापमान में बढ़ोतरी के खतरे से निपटने के लिए क्या किया जाना चाहिए।