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'हमारे यूनिवर्स में कुछ अजीब हो रहा है', जानें NASA ने ऐसा क्यों कहा?

Updated May 21, 2022 | 12:19 IST

दशकों के ऑब्जर्वेशन और डेटा कलेक्शन के बाद वैज्ञानिकों ने ये कंफर्म कर लिया है कि यूनिवर्स बिग बैंग से पैदा होने के बाद फैलता ही जा रहा है। 1920 के दशक में खगोलविद एडविन हबल ने अपने सहयोगी जॉर्जेस लेमेत्रे के साथ सबसे पहले उन मेजरमेंट को पेश किया जो ब्रह्मांडीय विस्तार को साबित करते हैं।

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Photo Credit- UnSplash
मुख्य बातें
  • आपको बता दें एडविन हबल के नाम पर हबल स्पेस टेलीस्कोप का नाम रखा गया है
  • साल 1998 में 'डार्क एनर्जी' के अस्तित्व का पता लगाया
  • ये एक अदृश्य रहस्यमयी शक्ति है जिसकी वजह से ब्रह्माण्ड स्ट्रेच हो रहा है

दशकों के ऑब्जर्वेशन और डेटा कलेक्शन के बाद वैज्ञानिकों ने ये कंफर्म कर लिया है कि यूनिवर्स बिग बैंग से पैदा होने के बाद फैलता ही जा रहा है। 1920 के दशक में खगोलविद एडविन हबल ने अपने सहयोगी जॉर्जेस लेमेत्रे के साथ सबसे पहले उन मेजरमेंट को पेश किया जो ब्रह्मांडीय विस्तार को साबित करते हैं। 

आपको बता दें एडविन हबल के नाम पर हबल स्पेस टेलीस्कोप का नाम रखा गया है। इन दोनों के बाद बाद की पीढ़ी ने साल 1998 में 'डार्क एनर्जी' के अस्तित्व का पता लगाया। ये एक अदृश्य रहस्यमयी शक्ति है जिसकी वजह से ब्रह्माण्ड स्ट्रेच हो रहा है। 

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डार्क एनर्जी की यह खोज 1990 में हबल टेलीस्कोप के लॉन्च होने के लगभग आठ साल बाद की गई थी। हबल के चालू होने के बाद से, खगोलविदों ने तीन दशकों तक बिना रुके ऑब्जर्वेशन किया है और कलेक्ट किए गए डेटा के परिणामस्वरूप अब एक नई खोज हुई है।

नासा ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि 'कुछ अजीब हो रहा है'। नासा ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि, स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट के एडम रीस के नेतृत्व में खगोलविदों की एक टीम को एक 'विसंगति' (discrepancy) मिली है।

नासा का कहना है कि यह discrepancy, बिग बैंग के ठीक बाद से इंडिपेंडेंट ऑब्जर्वेशन की तुलना में स्थानीय ब्रह्मांड में मापी गई विस्तार दर के बीच है। अब तक, वैज्ञानिकों ने हबल कॉन्स्टेंट नामक माप की एक इकाई का उपयोग करके ब्रह्मांड के विस्तार की दर को मापा है।

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डिस्क्रिपेंसी से सामने आए डेट सेट का इस्तेमाल करते हुए, खगोलविदों ने भविष्यवाणी की है कि अगले 10 अरब वर्षों में ब्रह्मांड का आकार दोगुना हो जाएगा।