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Pegasus spyware : पेगासस स्पाइवेयर क्या है, यह कैसे काम करता है? जानिए डिटेल में

Updated Jul 19, 2021 | 13:45 IST

पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) को लेकर भारत में बवाल मचा हुआ है। यहां विस्तार से जानिए आखिर यह क्या है?

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पेगासस स्पाइवेयर से किसी के फोन को हैक किया जा सकता है
मुख्य बातें
  • पेगासस स्पाइवेयर को इजराइल स्थित सर्विलांस टेक कंपनी एनएसओ ग्रुप ने तैयार किया।
  • पेगासस के जरिये फोन से डेटा चुराया जा सकता है।
  • पेगासस से किसी फोन की निगरानी रखने के लिए मोटी फी भी चुकानी होती है।

Pegasus स्पाइवेयर एक बार फिर सुर्खियां में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप हमारे फोन में क्या है आप पढ़ रहे हैं। यानी उन्होंने फोन टेप का मामला उठाया।  द वॉशिंगटन पोस्ट और 16 मीडिया पार्टनर्स की एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि Pegasus का इस्तेमाल पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और व्यावसायिक अधिकारियों की जासूसी करने के लिए किया गया है। स्पाइवेयर ने भारत के कम से कम 40 पत्रकारों के स्मार्टफोन को निशाना बनाया है। यहां आपको पेगासस के बारे में जानने की जरूरत है।

Pegasus स्पाइवेयर किसने बनाया?

Pegasus स्पाइवेयर इजराइल स्थित सर्विलांस टेक कंपनी एनएसओ ग्रुप द्वारा बनाया गया है, जिसे क्यू साइबर टेक्नोलॉजीज भी कहा जाता है। Pegasus कोई रैंडम स्पाइवेयर नहीं है जो आपको ऑनलाइन मिलता है। यह कंपनी NSO ग्रुप की स्थापना 2009 में इजराइल में एक स्पेशल सर्विलांस टैक्नोलॉजी सॉल्यूशन निर्माता के तौर पर की गई थी। Pegasus इसका प्रसिद्ध जासूसी प्रोडक्ट है। लेकिन Pegasus एकमात्र ऐसा प्रोडक्ट नहीं है जो बेचा जाता है। कंपनी के अनुसार एनएसओ प्रोडक्ट की एक सीरीज के साथ एक टैक्नोलॉजी कंपनी है, जिसमें कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों द्वारा डेटा एनालिटिक्स क्षमताओं को बढ़ाने, खोज और बचाव प्रयासों में सुधार, ड्रोन द्वारा घुसपैठ के खिलाफ प्रभावी काउंटर-उपायों को लागू करने के लिए डिजाइन किया गया है।

पेगासस एक व्यापक सर्विलांस टूल है?

एनएसओ ग्रुप के अनुसार, पेगासस एक व्यापक निगरानी टैक्नोलॉजी नहीं है। कंपनी ने अपनी पारदर्शिता और उत्तरदायित्व रिपोर्ट में कहा कि यह केवल विशिष्ट व्यक्तियों के मोबाइल उपकरणों से डेटा एकत्र करता है, जिनके गंभीर अपराध और आतंक में शामिल होने का संदेह है। हालांकि, ध्यान दें कि एनएसओ समूह की इसके उपयोग में कोई विजिबीलिटी नहीं है क्योंकि कंपनी Pegasus को ऑपरेट नहीं करती है।

Pegasus के जरिये फोन से कौन सा डेटा चुराया जा सकता है?

Pegasus टूल के साथ, हमलावर एसएमएस रिकॉर्ड, कॉन्टैक्ट डिटेल, कॉल हिस्ट्री, कैलेंडर रिकॉर्ड, ईमेल, इंस्टेंट मैसेजिंग और ब्राउज़िंग हिस्ट्री प्राप्त कर सकता है। एनएसओ ग्रुप के प्रोडक्ट ब्रोशर के अनुसार, पेगासस व्हाट्सएप, वाइबर, स्काइप और ब्लैकबेरी मैसेंजर की जासूसी कर सकता है। Pegasus गुप्त रूप से तस्वीरें क्लिक कर सकता है, कॉल रिकॉर्ड कर सकता है, आसपास के ऑडियो रिकॉर्ड कर सकता है और यहां तक कि यूजर्स को सचेत किए बिना स्क्रीनशॉट भी ले सकता है। एक बार जासूसी मिशन खत्म हो जाने के बाद, पेगासस ऑपरेटर पीड़ित के फोन पर पेगासस एजेंट को सेल्फ-डिलीट करने के लिए किल स्विच को दूरस्थ रूप से हिट कर सकता है।

​कौन से स्मार्टफोन जासूसी के लिए Pegasus टूल काम करता है?

पेगासस स्पाइवेयर एंड्रॉइड, आईओएस, विंडोज फोन, ब्लैकबेरी, सिम्बियन और यहां तक कि टिजेन चलाने वाले उपकरणों पर काम करता है।

Pegasus स्पाइवेयर कौन खरीद सकता है?

एनएसओ ग्रुप केवल अधिकृत सरकार के साथ काम करने का दावा करता है। पेगासस को सार्वजनिक रूप से मेक्सिको और पनामा सरकारों द्वारा उपयोग किए जाने के लिए जाना जाता है। 40 देशों में इसके 60 ग्राहक हैं। कंपनी ने कहा कि उसके 51% यूजर्स इंटेलिजेंस एजेंसियों, 38% कानून प्रवर्तन एजेंसियों और 11% सेना से संबंधित हैं। कंपनी की वेबसाइट बताती है कि एनएसओ ग्रुप सरकारी एजेंसियों को स्थानीय और वैश्विक खतरों की एक विस्तृत सीरीज का पता लगाने और रोकने में मदद करने के लिए सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास टैक्नोलॉजी विकसित किया है। हमारे प्रोडक्ट सरकारी खुफिया और कानून-प्रवर्तन एजेंसियों को आतंक और अपराध को रोकने और जांच करने के लिए एन्क्रिप्शन की चुनौतियों का सामना करने के लिए टैक्नोलॉजी का उपयोग करने में मदद करते हैं।

Pegasus स्पाइवेयर का उपयोग करने की लागत क्या है?

पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) लाइसेंस के तौर पर बेचा जाता है और वास्तविक कीमतें कॉन्ट्रैक्ट पर निर्भर करती हैं। एक लाइसेंस की कीमत 70 लाख रुपए तक हो सकती है। एक लाइसेंस से कई स्मार्टफोन को ट्रैक किया जा सकता है। 2016 के पिछले अनुमानों के अनुसार, पेगासस का उपयोग करने वाले केवल 10 लोगों की जासूसी करने के लिए, एनएसओ ग्रुप न्यूनतम करीब 9 करोड़ रुपए का चार्ज लेता है। 2016 की प्राइस लिस्ट के अनुसार, एनएसओ ग्रुप ने अपने ग्राहकों से $ 500,000 (3.75 करोड़ रुपए) की इंस्टॉलेशन फी के अलावा, 10 डिवाइसों को हैक करने के लिए $ 650,000 (वर्तमान विनिमय दर पर 4.84 करोड़ रुपए) का शुल्क लिया।

पीड़ित के फोन में पेगासस स्पाइवेयर कैसे इंस्टॉल किया जाता है?

किसी पीड़ित की जासूसी करने के लिए पेगासस टूल का उपयोग करने वालों के लिए चुनौती दूरस्थ रूप से और गुप्त रूप से अपने फोन पर टूल इंस्टॉल करना है। फिशिंग संदेश जासूसी के लिए पीड़ित के फोन पर Pegasus इंस्टॉल करने का सबसे लोकप्रिय तरीका है। पीड़ित का फोन नंबर ज्ञात न होने पर भी पेगासस इंस्टॉल किया जा सकता है। अगर हमलावर के पास पीड़ितों का फोन नंबर या ईमेल आईडी नहीं है, तो बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) जैसे सामरिक नेटवर्क तत्व का उपयोग करके नंबर प्राप्त करने के बाद पेगासस एजेंट को चुपचाप इंजेक्ट किया जा सकता है।

एनएसओ ग्रुप सरकारों के लिए Pegasus टूल ऑपरेट करता है?

कंपनी के अनुसार, एनएसओ ने Pegasus को संप्रभु राज्यों और राज्य एजेंसियों को लाइसेंस दिया है, पेगासस का संचालन नहीं करता है, इसके उपयोग में कोई विजिबीलिटी नहीं है, और यह ग्राहकों के बारे में जानकारी एकत्र नहीं करता है। 

पेगासस स्पाइवेयर के काम करने के लिए क्या जरूरी है?

पेगासस को काम करने के लिए एक प्रमुख बैकएंड आईटी आर्किटेक्चर की जरूरत है। एनएसओ ग्रुप के कर्मचारी पूरी फैसिलिटी को इंस्टॉल करने के लिए अपनी ग्राहक साइट पर जाते हैं। पेगासस के प्रोडक्ट ब्रोशर के अनुसार, एनएसओ ग्राहक परिसर में पेगासस हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को तैनात और कॉन्फिगर करने के लिए जिम्मेदार है। पूरे सेटअप के लिए वेब सर्वर, संचार मॉड्यूल, सेलुलर संचार मॉड्यूल, परमिशन मॉड्यूल, डेटा स्टोरेज, सर्वर सुरक्षा, सिस्टम हार्डवेयर इंस्टॉलेशन, ऑपरेटर कंसोल और अंत में पेगासस ऐप की जरुरत होती है।