लाइव टीवी

Firaq Gorakhpuri Birth anniversary: 'तुम मुखातिब भी हो, करीब भी...', पढ़‍िये फिराक गोरखपुरी के 10 मशहूर शेर

Updated Aug 28, 2021 | 00:49 IST

मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी की आज जयंती है। उनके कई शेर आज भी हमारे दिल की गहराइयों तक उतरते हैं। यहां पढ़‍िये फिराक गोरखपुरी के 10 मशहूर शेर : 

Loading ...
Firaq Gorakhpuri

नई दिल्‍ली : उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर का नाम देश-दुनिया के बड़े मंचों तक पहुंचाने वाले मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी की आज जायंती है। फिराक साहब की कई रचनाएं हैं, जो खासकर युवाओं में खूब पसंद की जाती हैं और शायर उन्‍हें दिल से पढ़ते हैं। 'आने वाली नस्लें तुम पर फख्र करेंगी...' ये शायरी आज जब बिल्‍कुल हकीकत जान पड़ती हैं। उनके कई ऐसे शेर हैं, जो दिल की गहराइयों तक उतरते हैं।

यूपी के गोरखपुर से ताल्‍लुक रखने वाले फिराक साबह को शायरी यूं कहें तो विरासत में मिली थी। रघुपति सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी के पिता मुंशी गोरख प्रसाद इबरत यूं तो पेशे से वकील थे, लेकिन शायरी में उनका अच्‍छा दखल था। फिराक साहब का जन्‍म 28 अगस्त, 1896 को हुआ था। उन्‍होंने उच्‍च शिक्षा इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय से हासिल की और बाद में यहीं अध्‍यापक भी बने। उनकी जयंती पर यहां पढ़‍िये उनके 10 मशहूर शेर :

बहुत पहले से उन कदमों
की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ जिंदगी हम दूर
से पहचान लेते हैं

एक मुद्दत से तिरी याद
भी न आई हमें
और हम भूल गए हों
तुझे ऐसा भी नहीं

आंखों में जो बात
हो गई है
इक शरह-ए-हयात
हो गई है

आने वाली नस्‍लें तुम पर
फख्र करेंगी हम-असरो
जब भी उनको ध्‍यान आएगा
तुमने 'फिराक' को देखा है

जो उलझी थी कभी
आदम के हाथों
वो गुत्‍थी आज तक
सुलझा रहा हूं

कुछ इशारे थे जिन्‍हें दुनिया
समझ बेठे थे हम
उस निगाह-ए-आशना
को क्‍या समझ बैठे थे हम

मायूसियों की गोद में
दम तोड़ता है इश्क़
अब भी कोई बना ले
तो बिगड़ी नहीं है बात

तेरे आने की
क्‍या उम्‍मीद
मगर कैसे कह दूं
कि इंतजार नहीं

मैं हूं, दिल है
तन्‍हाई है
तुम भी होते
अच्‍छा होता

तुम मुखातिब भी हो
करीब भी हो
तुम को देखें
कि तुमसे बात करें