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अगर चायवाला देश का मुखिया तो चायवाली गांव की मुखिया क्यों नहीं बन सकती, चर्चा में मीनाक्षी देवी

Updated Apr 13, 2021 | 10:36 IST

मुजफ्फरनगर के चोरावाल गांव की रहने वाली मीनाक्षी कहती हैं कि अगर चायवाला देश का मुखिया बन सकता है तो वो गांव की मुखिया क्यों नहीं बन सकती हैं।

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मुजफ्फरनगर के चोरावाल गांव की रहने वाली हैं मीनाक्षी देवी
मुख्य बातें
  • मुजफ्फरनगर के चोरावाला गांव की रहने वाली हैं मीनाक्षी देवी
  • पंचायत मुखिया के लिए लड़ रही हैं चुनाव
  • मीनाक्षी देवी बोलीं- चायवाली गांव की मुखिया क्यों नहीं बन सकती

भारत की सियासत में चायवाल इस कदर लोकप्रिय है कि पूछिए मत। लेकिन इस समय यूपी पंचायत चुनाव में चायवाली चर्चा में है। मुजफ्फरनगर की रहने वाली मीनाक्षी देवी चाय बेचने का काम करती हैं और इस दफा पंचायत चुनाव में किस्मत भी आजमां रही हैं। वो प्रधानी का चुनाव लड़ रही हैं, कोई पूछता है कि कहां चाय बेचना औक कहां प्रधानी का सपना तो उस सवाल के जवाब कुछ यूं रहता है, अगर चाय बेचने वाला इस देश का पीएम बन सकता है तो वो गांव की प्रधान क्यों नहीं हो सकती। 

मुखिया पद के लिए मीनाक्षी की दावेदारी
मीनाक्षी देवी के गांव का नाम चोरावाला है। करीह 7 हजार मतदाताओं वाला यह गांव इस दफा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। 
मीनाक्षी बताती हैं कि ग्रेजुएट पास उनके पति ज्ञान सिंह लेबर का काम करते हैं और वो अपने परिवार का भरणपोषण ठीक तरह से कर सकें इसके लिए टी स्टॉल चलाती हैं। तीन बच्चों की मां मीनाक्षी पहले भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमां चुकी हैं, और नो ग्राम पंचायत सदस्य बनने में कामयाब रहीं। उनके पति ज्ञान सिंह का कहना है कि उनकी पत्नी को किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं था। लेकिन गांव वालों के प्यार और सहयोग से वो कामयाब रहीं।  

चार चरणों में पंचायत चुनाव
अपनी योजनाओं के बारे में बात करते हुए अगर वह आगामी चुनावों में जीत दर्ज करने का प्रबंधन करती है, तो मीनाक्षी ने कहा कि वह अपने गांव में विकास लाने का वादा करती है।उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत चुनाव 15 अप्रैल से 29 अप्रैल तक चार चरणों में होंगे। 311 मतदान केंद्रों पर 958 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। कुल 5,56,086 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 2 मई को वोटों की गिनती होगी।