नई दिल्ली: आज इंटरनेशनल म्यूजियम डे यानी अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जा रहा है। यह हर साल 18 मई को दुनियाभर में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 'द इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम' (आईसीओएम) ने 1977 में की थी। आईसीओएम की एडवाइजरी कमेटी हर साल इस कार्यक्रम के लिए एक थीम तय करती है। यह कार्यक्रम किसी हफ्ते के आखिरी दिन, पूरे एक हफ्ते या पूरे एक महीने तक भी चलता है। इस साल की थीम है, समानता के लिए संग्रहालय: विविधता और समावेश। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल सामूहिक कार्यक्रम नहीं आयोजित किए जा रहे हैं। लोग इसमें सिर्फ ऑनलाइन शिरकत कर सकेंगे।
क्यों मनाया जाता है ये दिवस?
इंटरनेशनल म्यूजियम डे मनाने का मकसद लोगों को संग्रहालय और ऐतहासिक चीजों की महत्ता के प्रति जागरूक करना है ताकि लोग देश-विदेश की संस्कृति से रू-ब-रू हो सकें। हर साल अलग-अलग देशों के म्यूजियम जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साल 2009 में 90 से अधिक देशों के 20,000 म्यूजियम ने इंटरनेशनल म्यूजियम डे में हिस्सा लिया। वहीं, साल 2010 में 98 देशों ने भाग लिया, साल 2011 में 100 देशों ने जबकि साल 2012 में 129 देशों के तकरीबन 30,000 म्यूजियम ने हिस्सा लिया।
कौन है आईसीओएम?
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की चीजों को संजोकर रखने वाला मुख्य संगठन है। यह संगठन प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा और उनके प्रचार-प्रसार को प्रतिबद्ध है। दुनियाभर में इसकी 31 अंतरराष्ट्रीय कमेटियां हैं। सभी कमेटियां संग्रहालय से जुड़े अलग-अलग मैदानों में विशिष्टता रखती हैं। कमेटियों के जिम्मे व्यापक पैमाने पर अनुसंधान का काम है। इसके अलावा यह संगठन अहम चीजों की अवैध तस्करी को रोकने के लिए भी काम करता है। गौरतलब है कि संग्रहालय सभ्यता और संस्कृति हमारी धरोहर है को संजोए रखन में अहम भूमिका निभाता है। अगर संग्रहालय न तो इंसान सदियों पुराने इतिहास की कई अहम विरासत से महरूम रह सकता है।