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'अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस' 2021: महिलाओं को समर्पित ये खास दिन, भारत की इन पावरफुल महिलाओं की बात लाज़िमी है

Updated Mar 07, 2021 | 16:00 IST

International Women's Day:हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, ताकि महिलाओं का सम्मान किया जा सके, महिलाओं को उनके हक दिलाए जा सके।

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इस साल "Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world" रखी गई है
मुख्य बातें
  • झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने आखिरी दम तक अंग्रेजों के विरुद्ध अपनी जंग जारी रखी
  • सरोजनी नायडू उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल भी बनीं
  • इंदिरा गांधी चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। कुछ लोग बैंगनी रंग के रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं।सबसे पहला दिवस, न्यूयॉर्क शहर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। 

बात इस साल 20201 की थीम की करें तो इस साल "Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world" रखी गई है, इस थीम के जरिए कोरोना वायरस महामारी के दौरान स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों आदि के रूप में विश्व भर में महिलाओं के योगदान को रेखांकित करती है, 

महिलाओं को समर्पित इस खास दिन पर भारत की कुछ पॉवरफुल महिलाओं का जिक्र जरूरी है जिन्होंने अपने कामों से अपने विचारों से दुनिया के सामने एक मिसाल खड़ी की है।

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध ऐसा संग्राम छेड़ा था कि अंग्रेज भी उनकी वीरता देखकर हैरान रह गए थे उन्होंने आखिरी दम तक अंग्रेजों के विरुद्ध अपनी जंग जारी रखी। देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने के लिए उन्होंने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया।

सरोजिनी नायडू एक कवयित्री थी और बंगला में लिखती थी भारतीय समाज में फैली कुरीतियों के लिए उन्होंने भारतीय महिलाओं को जागृत किया। जलियांवाला बाग हत्याकांड से क्षुब्ध होकर उन्होंने उस वक्त मिला 'कैसर-ए-हिन्द' सम्मान लौटा दिया था और वो उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल भी बनीं।

इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी साल साल 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं।

प्रसिद्ध जर्मन एक्टिविस्ट क्लारा ज़ेटकिन के जोरदार प्रयासों के बदौलत इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस ने साल 1910 में महिला दिवस के अंतर्राष्ट्रीय स्‍वरूप और इस दिन पब्लिक हॉलीडे को सहमति दी। इस फलस्‍वरूप 19 मार्च, 1911 को पहला IWD ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और जर्मनी में आयोजित किया गया। हालांकि महिला दिवस की तारीख को साल 1921 में फाइनली बदलकर 8 मार्च कर दिया गया। तब से महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जाता है।