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Cow Hug:200 डॉलर चुकाकर 'गाय' को लगा रहे गले, कोरोना काल में तनाव दूर करने का नायाब नुस्खा-VIDEO

Updated May 24, 2021 | 20:30 IST

Cow Hugging theropy in America:अमेरिका में कोरोना काल के तनाव को दूर करने की अनोखी तरकीब निकाली गई है, वहां पर मानसिक शांति के लिए लोग गाय को गले लगा रहे हैं।

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भारत में गाय को सहलाने और गले लगाने की परंपरा काफी पुरानी है
मुख्य बातें
  • इस दौर में लोगों में डिप्रेशन आदि तकलीफों की समस्या भी आम होती जा रही है
  • अमेरिका में गाय को गले लगाने  से लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है
  • लोग गाय को गले लगाने के लिए 200 डॉलर तक चुका रहे हैं

Cow Hugging Therapy Benifits: देश-दुनिया में कोरोना वायरस का संकट पसरा हुआ है और तमाम मुल्क इसकी मार से बेहाल हैं, ऐसे में तनाव (tension) होना और मानसिक शांति भंग होना स्वाभाविक ही है जिससे ना जाने कितने ही लोग जूझ रहे हैं। लेकिन कहा जाता है कि समस्या है तो उसका समाधान भी है शायद यही सोचकर अमेरिका में इन दिनों एक चलन सामने आ रहा है गाय को गले लगाने (Cow Hugging) का, इसके तमाम फायदे बताए जा रहे हैं।

लॉकडाउन (Lockdown) में लोग घरों में बंद से हैं और बाहर की दुनिया से फिजिकल संपर्क लगभग टूटा हुआ सा है, बीच बीच में तमाम निगेटिव खबरों से मन बेचैन हो जाता है,ऐसे में लोगों में डिप्रेशन (Depression) आदि तकलीफों की समस्या भी आम होती जा रही है और लोग इससे दो-चार हो रहे हैं।

कहा जा रहा है कि अमेरिका में गाय को गले लगाने  से लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है, बताते हैं कि ऐसे करने से उन्हें दिमागी रूप से शांति मिल रही है वहीं लोग गाय को गले लगाने के लिए 200 डॉलर तक चुका रहे हैं।कांग्रेस नेता मिलिंद देवरा ने भी वीडियो शेयर कर गाय को हग करने की थेरेपी की प्रशंसा की है।

गौर हो कि भारत में गाय को सहलाने और गले लगाने की परंपरा काफी पुरानी है, इसका कारण बताया गया है कि गाय को गले लगाने से न केवल तनाव से राहत मिलती है बल्कि मा​नसिक स्वास्थ्य के लिहाज से किसी पालतू जानवर का साथ बेहतर रहता है।

डॉक्टरों का कहना है कि गाय को गले लगाने का एहसास घर पर एक बच्चे या पालतू जानवर को पालने के समान है। एक हग हैप्पी हार्मोन ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन और डोपामाइन को ट्रिगर करता है, जो कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) को कम करता है, ये तनाव के स्तर, चिंता और अवसाद के सिम्पटम्स को कम करता है।

वीडियो साभार-सीएनबीसी_ट्विटर