- 2016 हरिद्वार अर्द्धकुंभ में कृष्णा देवी अपने पति से बिछड़ गईं
- 2021 में पति और पत्नी दोनों को हरिद्वार महाकुंभ में हुआ मिलन
- यूपी के थाने में कृष्णा देवी की गुमशुदगी की रिपोर्ट कराई गई थी दर्ज
नई दिल्ली। यह कोई फिल्मी कहानी बल्कि हकीकत है। यूपी के सिद्धार्थनगर का रहने वाले परिवार को असीम खुशी मिली है। उस खुशी के पीछे बड़ी वजह यह है कि एक पति को उसकी पत्नी दोबारा मिल गई, एक बेटे को उसकी मां मिल गई जो 2016 हरिद्वार अर्द्धकुंभ में अपने परिवार से बिछड़ गई थीं। पांच साल के बाद जब ऋषिकेश में आने वालों की पहचान कर रही थी तो कृष्णा देवी के बारे में पूरी जानकारी मिली। उत्तराखंड पुलिस की भी खुशी की सीमा नहीं रही। उसने तुरंत सिद्धार्थनगर कृष्णा देवी के परिवार को वालों जानकारी दी। कृष्णा देवी का परिवार तत्काल हरिद्वार के लिए रवाना हुआ जहां पांच साल बाद पति और पत्नी का महामिलन हुआ।
2016 में बिछड़ना और 2021 में महामिलन
अब पूरी दास्तां कुछ इस तरह है। 2016 में कृष्णा देवी के एक बेटी की मौत हो गई थी। उसके बाद वो अपने पति ज्वाला प्रसाद के साथ हरिद्वार गईं और उस समय अर्द्धकुंभ चल रहा था। पुलिस का कहना है कि कृष्णा देवी मतिभ्रम का शिकार हुईं या दर्द से इतना ज्यादा व्यथित थीं कि उनका अपने परिवार से साथ छूट गया और वो साथ इस तरह से छूटा कि लाखों की भीड़ में उन्हें खोजने की सारी कोशिश नाकाम हुई। दिन, हफ्ते और महीने बीत गए जब कृष्णा देवी का कुछ पता नहीं चला तो हैरान परेशान परिवार ने सिद्धार्थनगर के उदयपुर पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके अलावा फोटो, पैंपलेट के जरिए उनकी तलाश शुरू हुई। लेकिन जब कोई नतीजा नहीं निकला तो परिवार भी थक गाल के बैठ गया।
इस तरह हुई पहचान
साल दर साल गुजरते गए लेकिन 2021 का साल उनके लिए खुशियों वाला साबित हुआ है। उत्तराखंड पुलिस की तरफ से जब परिवार को जानकारी दी गई उन्हें एक महिला मिलीं हैं जिनका नाम कृष्णा देवी हैं और वो पांच साल पहले अर्द्धकुंभ में गायब हो गईं थीं। पुलिस की इस जानकारी के बाद परिवार उत्तराखंड पहुंचा और जब ज्वाला प्रसाद ने अपनी पत्नी को देखा तो आंखो से खुशी की जलधारा बह निकली। उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर बने शेल्टर हाउस में वो लोगों की पहचान कर रही थी उसी दौरान कृष्णा देवी टकराईं। उनसे जब पूरी जानकारी ली गई तो वो बहुत कुछ स्पष्ट तौर पर नहीं बता रही थीं। नाम के आधार पर मिसिंग रजिस्टर में उनकी खोज गई तो पता चला कि 2016 में वो हरिद्वार अर्द्धकुंभ में अपने परिवार से बिछड़ गईं थीं।