लाइव टीवी

April Fool's Day: दुनिया में कब से और क्यों मनाया जाता है मूर्ख दिवस? मजेदार है इसके पीछे की कहानी

April Fool Day 2022
Updated Mar 31, 2022 | 17:20 IST

April Fool's Day History and Origin in Hindi: पूरी दुनिया में एक अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं इस दिन की शुरुआत कब, कहां और कैसे हुई?

Loading ...
April Fool Day 2022April Fool Day 2022
दुनिया में क्यों मनाया जाता है मूर्ख दिवस?
मुख्य बातें
  • हर साल एक अप्रैल को पूरी दुनिया में मूर्ख दिवस मनाया जाता है।
  • इस दिन लोग एक-दूसरे को जमकर मूर्ख मनाते हैं।
  • बेहद दिलचस्प है अप्रैल फूल डे की कहानी

April Fool's Day History and Origin in Hindi: एक अप्रैल को पूरी दुनिया में मूर्ख दिवस यानी अप्रैल फूल के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, कॉलेजों, ऑफिस में एक-दूसरे को मूर्ख बनाने के चक्कर में रहते हैं। इतना ही नहीं जो लोग मूर्ख बन जाते हैं, उनका जमकर मजाक भी उड़ाया जाता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस दिन को काफी एंजॉय करते हैं। आप सबने भी हर साल एक अप्रैल को कई लोगों को मूर्ख बनाया होगा और खुद भी बने होंगे। लेकिन, कभी ये सोचा है कि आखिर एक अप्रैल को ही मूर्ख दिवस क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कब, कहां और कैसे हुई? अगर इसके बारे में आपको जानकारी नहीं है, तो इस आर्टिकल के जरिए मूर्ख दिवस के बारे में ये दिलचस्प कहानी भी जान लें।

अप्रैल फूल की शुरुआत आखिर कब हुई इसके बारे में सही-सही जानकारी किसी के पास नहीं है। लेकिन, मूर्ख दिवस को लेकर पूरी दुनिया में दो कहानी काफी फेमस है। एक मान्यता के अनुसार, 1381 में पहली बार अप्रैल फूल मनाया गया था। जानकारों के अनुसार, इंग्लैंड के राज रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी ऐनी ने अचानक सगाई का ऐलान कर दिया। बताया जाता है कि दोनों ने 1381 में ही 32 मार्च को सगाई करने का ऐलान किया। लोगों को जैसे ही यह खबर मिली सब खुशी से झूम उठे और जश्न मनाने लगे। लेकिन, लोगों को बाद में अहसास हुआ कि कैलेंडर में 32 तारीख तो होती ही नहीं है। मसलन ये हुआ कि राजा-रानी ने लोगों को बेवकूफ बना दिया। मत के अनुसार, उसी वक्त से एक अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाने लगा। 

ये भी पढ़ें -  'भालू' बना दिहाड़ी मजदूर, 500 रुपए में बंदरों और जंगली सूअरों से कर रहा खेतों की रक्षा, वीडियो वायरल

अप्रैल फूल को लेकर दो कहानियां प्रचलित

कुछ जानकारों का कहना है कि इस दिन की शुरुआत फ्रांस से हुई है। ऐसा कहा जाता है कि चार्ल्स पोप ने 1582 में पुराने कैलेंडर को बदल कर नया रोमन कैलेंडर लागू किया था। इस घोषणा के बावजूद कई लोग पुराने कैलेंडर के हिसाब से ही चलते रहे। इतना ही नहीं उसी के हिसाब से नया साल भी मनाते रहे। उसी वक्त से अप्रैल फूल डे मनाया जाने लगा। वहीं, भारत में इसकी शुरुआत 19वीं सदी में अंग्रेजों ने की थी। पहले इस दिन को लेकर इतना क्रेज नहीं था। लेकिन, समय के साथ-साथ इसका क्रेज बढ़ने लगा और अब तो लोग इस दिन को जमकर मनाते हैं। सोशल मीडिया पर अप्रैल फूल को लेकर काफी मजेदार-मजेदार मीम्स, जोक्स वायरल होते रहते हैं।