नई दिल्ली : भला कौन चाहता है एक ही कपड़े को हर दिन पहनें। आम तौर पर लोग दो दिन भी लगातार ऐसा नहीं कर पाते। यहां तक कि दो-तीन दिनों के अंतराल के बाद भी एक ही कपड़े को रिपीट करना लोगों को नहीं भाता, खास तौर पर ऐसे में जबकि आपके पास कई ड्रेस हों। लेकिन बोस्टन में एक लड़की ने ऐसा ही किया। दो दिन नहीं, तीन दिन नहीं, बल्कि उसने लगातार 100 दिनों तक एक ही ड्रेस पहनी और इस रिकॉर्ड ने उसकी जिंदगी बदल दी।
यह रिकॉर्ड बोस्टन की सारा रॉबिंस ने बनाया है, जिनकी अलमारी में हर मोके के लिए अलग-अलग कपड़े पड़े हुए हैं। अब वह अपनी अमारी को साफ करने की योजना बना रही हैं। सारा के मुताबिक वह देखेंगी कि इस पूरे साल वह क्या पहनती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम ने उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल दी है और अब वह पूरे साल अपने लिए कोई नई ड्रेस नहीं लेने जा रही हैं। 1 जनवरी, 2022 के बाद क्या होगा, इस बारे में वह बाद में सोचेंगी।
'फिजूलखर्ची को कंट्रोल करना था मकसद'
आखिर इतने कपड़े होने के बावजूद सारा ने लगातार 100 दिनों तक यानी तीन महीने से भी अधिक समय तक क्यों एक ही पोशाक पहनी? तो इसका जवाब सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। दरअसल कपड़ों के ब्रांड वूल एंड ने सितंबर 2020 में एक ड्रेस चैलेंज की शुरुआत की थी। इसमें लोगों को चुनौती दी गई थी कि वे 100 दिनों तक एक ही ड्रेस पहनें। इसका मकसद जहां लोगों में फिजूलखर्ची की आदतों को नियंत्रित करना था, वहीं कपड़ों को बार-बार धोने को आदतों को भी कम करना था।
इसमें यह भी स्पष्ट किया गया कि आप सोने से पहले तो ड्रेस को धो सकते हैं, लेकिन अगर आप जगे हैं तो आपको उसे पहनना होगा। सारा ने इस चुनौती को स्वीकार किया और इसमें हिस्सा लिया। उन्होंने 16 सितंबर, 2020 से एक ड्रेस को पहनना शुरू किया और लगातार 100 दिनों तक इसे पहना। द मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, सारा ने हर बार अपनी टॉप को अलग तरह से स्टाइल किया। उन्होंने कभी इसे स्कर्ट के साथ पहना तो कभी पैंट के साथ।
ऐसा करते हुए ही सारा ने तीन महीने से भी अधिक समय तक अपने सभी काम निपटाए और अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुईं। इस रिकॉर्ड के लिए उन्हें 100 अमेरिकी डॉलर के वाउचर मिले, जिनका इस्तेमाल वह अब नए सिरे रसे करना चाहती हैं। इस चैलेंज के बारे में सारा ने कहा कि वह लेटेस्ट फैशन के बगैर रहने और कपड़ों को ज्यादा धोने तथा इसमें इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट से धरती को होने वाले नुकसान से बचाने में मदद के मकसद से इसके लिए प्रेरित हुई थीं।