दुनिया के सबसे दुर्गम और ऊंचे रणक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर के बेस कैंप को अब घरेलू पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है, जिसके बाद पर्यटक अब यहां की खूबसूरत वादियों को सिर्फ तस्वीरों में नहीं, बल्कि अपनी आंखों से प्रत्यक्ष तौर पर निहार सकेंगे। सुरक्षा कारणों से विदेशी पर्यटकों को यहां पहुंचने की अनुमति नहीं दी गई है। भारत और पाकिस्तान के बीच LoC से सटे सियाचिन ग्लेशियर के बेस कैंप तक घरेलू पर्यटकों को पहुंचने देने की अनुमति को चीन और पाकिस्तान के लिए भी बड़े संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
लद्दाख के कई अग्रिम इलाकों में सुरक्षा कारणों से पर्यटकों और स्थानीय लोगों के जाने पर भी पाबंदी लगाई गई थी, लेकिन अब लद्दाख प्रशासन ने इसे हटा लिया है। मन-मेराक, चुशूल, त्सागा-ला, हनले और मश्कोह घाटी को भी पर्यटकों के लिए खोलते हुए इन्नर लाइन परमिट समाप्त कर दिया गया है।
सियाचिन ग्लेशियर बेस कैंप को दुनिया में सबसे ऊंचाई वाला और ठंडा युद्ध क्षेत्र माना जाता है। यहां जाना पर्यटकों को एक अलग तरह का एहसास देगा। पर्यटक यहां पहुंचकर महसूस कर सकते हैं कि हमारे सैनिक किन विपरीत परिस्थितियों में यहां रहते हुए सरहद की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर देते हैं।
सियाचिन ग्लेशियर बेस कैंप 3,657 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि सबसे ऊंची सैन्य चौकी बाना 7,010 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सर्दियों के दौरान तापमान माइन्स 40 डिग्री तक चला जाता है। विश्व पर्यटन दिवस पर लिए गए इस फैसले से जहां लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद की जा रही है।