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ITR Verification: नहीं भरा इनकम टैक्स रिटर्न? जानें अब आपको क्या करना होगा

Updated Aug 01, 2022 | 14:40 IST

ITR Verification: वित्त वर्ष 2021-22 या आकलन वर्ष 2022-23 के लिए अब भी बड़े पैमाने पर लोगों ने आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया है।

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मिस कर दी है ITR की डेडलाइन, तो जानें अब आपके लिए क्या है नियम (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • समय सीमा के बाद ITR दाखिल करना विलंबित आईटीआर के रूप में माना जाता है।
  • देरी से आईटीआर फाइल करने पर करदाता पर लेट फाइन लगाया जाता है।
  • ऐसे में टैक्सपेयर्स को 5,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ता है। छोटे टैक्सपेयर्स के लिए, विलंब शुल्क 1,000 रुपये है।

नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन खत्म हो चुकी है। आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2022 थी। आयकर विभाग ने रविवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आईटीआर दाखिल करने के अंतिम दिन रात 11 बजे तक लगभग 68 लाख आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे। वहीं 30 जुलाई तक 5.10 करोड़ से ज्यादा टैक्स रिटर्न दाखिल किया जा चुके थे। लेकिन सरकार द्वारा कई बार याद दिलाने के बावजूद अब तक कई लोगों ने आईटीआर फाइल नहीं किया है। 

अब तक फाइल नहीं किया आयकर तो क्या होगा?
जिन लोगों ने अब तक रिटर्न फाइल नहीं किया है उन्हें अब भी इसका मौका मिलेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा और साथ ही उनके लिए कुछ नियम भी बदलेंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने सूचित किया है कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के वेरिफिकेशन की समय सीमा कम कर दी गई है। 29 जुलाई 2022 को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से सीबीडीटी ने इसकी घोषणा की। यह अधिसूचना 1 अगस्त 2022 यानी आज से लागू हो गई है। अब आईटीआर फाइल करने से 120 दिन नहीं, बल्कि 30 दिनों के भीतर ही इसे वेरिफाई (ITR Verification) करना होगा।

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इस बात का रखें ध्यान
जिन टैक्सपेयर्स ने 31 जुलाई 2022 तक आईटीआर दाखिल किया था, उनके लिए वेरिफिकेशन की समय सीमा 120 दिन तक ही है, हालांकि 31 जुलाई 2022 के बाद दाखिल आईटीआर की समय सीमा 120 दिनों से घटाकर 30 दिन कर दी गई है। अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि इस अधिसूचना के प्रभावी होने की तारीख से पहले रिटर्न डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से ट्रांसमिट किया गया है तो ऐसे रिटर्न के संबंध में 120 दिनों की पहले की समय सीमा लागू रहेगी।

30 दिनों के बाद ITR-V जमा करने पर क्या होगा?
अगर फॉर्म आईटीआर-वी अवधि के बाद जमा किया जाता है, तो यह माना जाएगा कि जिस रिटर्न के लिए फॉर्म आईटीआर-वी भरा गया था, वह कभी जमा ही नहीं किया गया था यानी टैक्स विभाग इसे प्रोसेसिंग के लिए नहीं लेगा और असेसी को डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दोबारा ट्रांसमिट करना होगा, जिसके बाद 30 दिनों के भीतर नया फॉर्म आईटीआर-वी भी जमा करना होगा।