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पीएफ, ग्रेच्युटी, सैलरी, काम करने के घंटे, क्या जुलाई से लागू होंगे इनके नए नियम?

Updated Jun 28, 2022 | 14:47 IST

New labour code: श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने बताया था कि कुछ राज्यों ने अभी तक सभी चार लेबर कोड के तहत नियम नहीं बनाए हैं। सिर्फ 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ही मसौदा नियम जारी किए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
आपकी सैलरी से लेकर PF तक, क्या जुलाई से सब कुछ बदल जाएगा?
मुख्य बातें
  • हफ्ते में चार दिन काम करने की स्थिति में हर दिन काम के घंटों की संख्या में वृद्धि होगी।
  • नए नियमों से कर्मचारी की रिटायरमेंट राशि और ग्रैच्युटी राशि में वृद्धि होगी।
  • अगर अगले महीने से नया लेबर कोड लागू होता है, तो टेक होम सैलरी कम हो जाएगी।

नई दिल्ली। 1 जुलाई 2022 से सरकार देश में एक बड़ा बदलाव कर सकती है। अगले महीने से सरकार नया लेबर कोड (New labour code) लागू कर सकती है। इससे ना सिर्फ पीएफ (PF) और ग्रेच्युटी (Gratuity), बल्कि हफ्ते में काम करने के दिन  जैसे कुछ अहम नियम बदल जाएंगे। केंद्र ने चार नए लेबर कोड का एक सेट पेश किया है, जो कथित तौर पर 1 जुलाई से लागू हो सकता है। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

आइए जानते हैं अगर नया कोड लागू होता है तो देश में क्या- क्या बदलेगा-

हफ्ते में सिर्फ 4 दिन करना होगा काम
कर्मचारियों को जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिल सकती है क्योंकि नियोक्ता अपने कर्मचारियों को हफ्ते में पांच दिनों के बजाय सिर्फ चार दिन काम करने की अनुमति दे सकता है। हालांकि अगर कर्मचारी सप्ताह में 4 दिन काम करेगा, तो उसके काम के घंटों में वृद्धि हो सकती है।

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काम करने के घंटे (Working hours)
अगर कर्मचारी सप्ताह में कम दिनों के लिए यानी चार दिन काम करता है, तो उसके काम के घंटों में वृद्धि होगी। नया वेतन कोड 48 घंटे के कार्य सप्ताह को अनिवार्य करता है। ऐसे में दिन में काम के घंटे को 9 से बढ़ाकर 12 कर दिया जाएगा। अगर कंपनी 12 घंटे की वर्क शिफ्ट लागू करती है, तो उसे कर्मचारियों को तीन दिन की छुट्टी देनी पड़ेगी।

पीएफ (PF) और ग्रेच्युटी (Gratuity)
नए लेबर कोड के तहत कर्मचारी के भविष्य निधि योगदान (Provident Fund) में वृद्धि होगी। नया लेबर कोड लागू होने के बाद कर्मचारी की बेसिक सैलरी उसकी ग्रॉस मासिक सैलरी का कम से कम 50 फीसदी होगी। इससे कर्मचारियों के साथ- साथ नियोक्ताओं द्वारा भी पीएफ योगदान में वृद्धि होगी।

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टेक होम सैलरी (Take home salary)
पीएफ योगदान में वृद्धि के परिणामस्वरूप, कर्मचारी की टेक होम सैलरी पर भी असर पड़ेगा। जी हां, आपकी टेक होम सैलरी में कमी देखने को मिल सकती है।