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झटका: SBI ने बढ़ा दी हैं दरें, अब ज्यादा देनी होगी लोन की ईएमआई

Updated Sep 15, 2022 | 10:28 IST

SBI Loan Interest Rate: बेस रेट वह न्यूनतम ब्याज दर है जिस पर कोई बैंक अपने उन ग्राहकों को लोन दे सकता है जिनके ऋण अभी भी बेस रेट व्यवस्था के अधीन हैं।

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झटका: इस बैंक में है खाता, तो बढ़ेगी लोन की किस्त (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • नई दरें आज यानी 15 सितंबर 2022 से प्रभावी हैं।
  • रेपो रेट मुख्य नीतिगत दर है।
  • कई बैंकों ने अपनी ब्याज दरें बढ़ाई हैं।

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े ऋणदाता, भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने लोन ग्राहकों को झटका दिया है। एसबीआई ने बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) को 70 आधार अंक यानी 0.7 फीसदी बढ़ाकर 13.45 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही बैंक ने बेस रेट (Base Rate) में भी 70 आधार अंकों का इजाफा किया है। SBI की वेबसाइट के अनुसार, 'बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट को 13.45 फीसदी प्रति वर्ष किया गया है। वहीं बेस रेट को 8.70 फीसदी प्रति वर्ष किया गया है।'

एसबीआई ने पिछली बार आधार दर और बीपीएलआर में 15 जून 2022 को बढ़ोतरी की थी। ये पुराने बेंचमार्क हैं जिन पर बैंक कर्ज देते थे। अब ज्यादातर बैंक बाहरी बेंचमार्क आधारित उधार दर (EBLR) पर लोन प्रदान करते हैं।

ग्राहकों पर क्या होगा असर?
अब फ्लोटिंग रेट लोन वाले इन पुराने कर्जदारों की कुल ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिसके कारण वे या तो बढ़े हुए लोन की समान मासिक किस्तों (EMI) का भुगतान करेंगे या उनके लोन की अवधि बढ़ा दी जाएगी।

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क्या अन्य लोन व्यवस्थाएं भी होंगी प्रभावित?
बेस रेट में वृद्धि सिर्फ आधार दर तक सीमित रहने की संभावना नहीं है क्योंकि अब जल्द ही एमसीएलआर और बाहरी बेंचमार्क जैसी अन्य बेंचमार्क दरें भी बढ़ सकती हैं।

जिन्होंने जुलाई 2010 और मार्च 2016 के बीच फ्लोटिंग रेट होम लोन लिया था और अब तक अपने लोन को MCLR या EBR जैसे नए नियम में स्थानांतरित नहीं किया है, वे इस वृद्धि से प्रभावित होंगे।

क्या है बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट? (What is BPLR)
बेंचमार्क दर ऋण की ब्याज दरों की गणना के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मानक दर को संदर्भित करता है। आरबीआई के अनुसार, 'बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट का मतलब इंटर्नल बेंचमार्क दर है जिसका इस्तेमाल 30 जून 2010 तक स्वीकृत एडवांस या ऋणों पर ब्याज दरों को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।'

आरबीआई ने बढ़ाई रेपो रेट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.5 फीसदी की वृद्धि की थी। इस साल की शुरुआत में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद से, आरबीआई ने लगातार तीन बार दरों में वृद्धि की है।