- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक वाराणसी ग्रीन जोन में है
- बीते दिनों शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 169 दर्ज किया गया
- पीएम 2.5 की मात्रा का बढ़ना है हवा के प्रदूषण का कारण
Varanasi News: वैसे तो बनारस ग्रीन जोन में है लेकिन यहां कुछ ऐसे भी जगह हैं जहां की हवा बेहद खराब है। शहर के कुछ जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) काफी अच्छा है तो वहीं कुछ क्षेत्रों की हवा में 18 गुना से ज्यादा प्रदूषित तत्व पीएम 2.5 की मात्रा पाई गई है। एक्यूआई की गणना करने वाले एक संस्थान के अनुसार इधर चार दिनों के आंकड़ों को देखा जाए तो बनारस की हवा येलो जोन में है जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों को मानें तो बनारस ग्रीन जोन में है।अगर बनारस शहर को देखा जाए तो सबसे ज्यादा प्रदूषण चौका घाट इलाके का बताया जा रहा है वहीं बीएचयू इलाके में हवा सबसे स्वच्छ रही।
आईक्यू एयर के पैमाने पर रविवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 169 दर्ज किया गया था। वहीं शहर का सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र चौकाघाट स्थित मछली बाजार रहा, जिसकी ए क्यू आई 186 दर्ज की गई। वहीं शहर के अन्य इलाकों की बार करें तो रामनगर का एक्यूआई 184, साकेत नगर कालोनी का 173, बुद्धा नगर कालोनी 166, बलभद्र कालोनी मेें 163, लंका में 156, नाटी इमली रोड का एक्यूआई 153 और अर्दली बाजार का 82 दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों में अर्दली बाजार रहा सबसे प्रदूषित
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक वाराणसी शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 95 रहा, जिसमें अर्दली बाजार सबसे अधिक प्रदूषित रहा और एक्यूआई 142 पाया गया। वहीं भेलूपुर और मलदहिया का एयर क्वालिटी इंडेक्स 87 और बीएचयू का एयर क्वालिटी इंडेक्स 64 पाया गया।
पीएम 2.5 की मात्रा का बढ़ना है हवा के प्रदूषण का कारण
देश भर में हवा की क्वालिटी को लेकर तमाम आंकड़े सामने आते हैं और एयर क्वालिटी खराब होने का कारण भी बताया जाता है। बीएचूय के एक वैज्ञानिक के अनुसार हवा में प्रदूषण के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पीएम 2.5 की मात्रा का बढ़ना है।