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Varanasi Vidhan Sabha Election: वाराणसी में विधानसभा चुनाव के दौरान 'मृतक' ने किया मतदान, मचा हड़कंप

Updated Mar 08, 2022 | 13:45 IST

Varanasi Vidhan Sabha: वाराणसी चौबेपुर क्षेत्र में मृतक ने मतदान किया, जिसके बाद मतदान केंद्र पर हड़कंप मच गया। यह मामला वाराणसी क्षेत्र के छितौनी गांव का है, जहां पर सरकारी कागजों में मृतक घोषित संतोष मूरत सिंह ने मतदान कर लोगों से अपने जिंदा होने का प्रमाण दिया।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
'मृतक' ने किया मतदान
मुख्य बातें
  • वाराणसी के चौबेपुर क्षेत्र के छितौनी गांव के रहने वाले संतोष सिंह ने किया मतदान
  • संतोष मूरत सिंह सरकारी कागजों में मृत घोषित हैं
  • मतदान किए जाने के बाद प्रमाण पत्र लेकर संतोष सिंह ने कहा कि मैं हूं जिंदा

Varanasi Vidhan Sabha Election: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का सातवां चरण सोमवार को खत्म हुआ, जहां 9 जिलों की 54 सीटों पर मतदान हुआ है। इसी क्रम में सोमवार को वाराणसी जिले में भी चुनाव हुआ। वाराणसी जिले में चुनाव के दौरान एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है। क्षेत्र भर में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। वाराणसी जिले के चौबेपुर क्षेत्र में एक कौतूहल वाली खबर सामने आई है, जहां पर एक 'मृतक' ने मतदान किया जिसके बाद क्षेत्र के लोगों सहित मतदान कर्मियों में भी हड़कंप मच गया। 

दरअसल वाराणसी जिले की चौबेपुर क्षेत्र के छितौनी गांव के रहने वाले संतोष सिंह को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है। कागजों में मृत होने के चलते वह विगत कई वर्षों से अपने जिंदा होने के प्रमाण पाने को लेकर सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। बावजूद इसके वह अपने आप को जिंदा घोषित नहीं कर पा रहे हैं। कागजों में मृत घोषित होने के चलते वह कई सारी योजनाओं से तो वंचित है। साथ ही अपनी जमीन भी हाथ से खिसकती नजर आ रही है। कागजों में मृत होने के चलते पाटीदारों से उनकी जमीन जायदाद को लेकर विवाद चल रहा है।

'वर्षों से दे रहा हूं जिंदा होने का प्रमाण पत्र'

फिल्मी स्टाइल में संतोष सिंह ने मतदान किए जाने के बाद मतदान केंद्र के सामने सेल्फी ली। इसके बाद फोटो खिंचवाया और उंगली पर लगे हुए निशान को दिखाते हुए उन्होंने अपने जीवित होने का प्रमाण भी प्रस्तुत किया। जिस प्रमाण के लिए वह सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे अब उनके पास मतदान का एक प्रमाण पत्र है जिसके आधार पर वह अब अपने जीवित होने की लड़ाई आगे लड़ सकेंगे। 

वोटर लिस्ट में नाम व पहचान पत्र होने के चलते कराया गया मतदान

मतदान कर्मियों का कहना है कि संतोष सिंह का नाम वोटर लिस्ट में पहले से मौजूद था। साथ ही उन्होंने अपना पहचान पत्र दिखाकर मतदान किया है। स्थानीय बीएलओ का यह काम है कि जो भी लोग मृतक हो, उनकी सूचना निर्वाचन आयोग को देकर उनका नाम वोटर लिस्ट से कटवा दें। यह जिम्मेदारी बीएलओ की होती है। किसी भी व्यक्ति का वोटर लिस्ट में नाम व उनकी पहचान पत्र होने से उन्हें मतदान से नहीं रोका जा सकता। पहचान पत्र में छपी फोटो व व्यक्ति की मिलान करते हुए मतदान कराया गया है।

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