- 31 मई तक मान्य होंगे मैनुअल ड्राइविंग लाइसेंस
- मैनुअल लाइसेंस नहीं होगा रिनुअल
- स्मार्ट कार्ड में करवाना होगा कंवर्ट
Varanasi Driving License: अब मैनुअल डीएल की जगह स्मार्ट कार्ड ने ले लिया है। सरकार के आदेश के बाद परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अब स्मार्ट कार्ड ही मान्य होंगे। दरअसल पुराने मैन्युअल कार्ड दस्तावेज के प्रकार होते हैं। वे ज्यादा समय में घिसकर खराब हो जाते हैैं और डाटा मिसप्रिंट हो जाता था। इससे ट्रैस करना कठिन हो जाता था। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखकर सरकार ने एक योजना वर्ष 2013 में लांच की थी और कहा था कि मैन्युअल कार्डधारक चेंज कराके नया स्मार्ट कार्ड जारी कराएं। वहीं आदेश पारित किया था कि अब जो भी कार्ड बनाए जाएंगे, वह स्मार्ट कार्ड ही बनेंगे।
स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस एक टेंपर प्रूफ प्लास्टिक कार्ड है। इसमें 64 केबी मेमोरी की एम्बेडेड माइक्रोप्रोसेसर चिप है जो आपकी सारी जानकारी स्टोर करती है। यह कार्ड कई सुरक्षा सुविधाओं के साथ आता है। यह रंगों के पैटर्न, डिजाइन, लोगो, होलग्राम आदि चीजों को धारित करता हुआ होता है। इस कार्ड का डुप्लीकेट नहीं बनाया जा सकता है। इस कार्ड के माध्यम से आरटीओ को ट्रैस करने में आसानी हो जाती है।
शहर में बढ़ा स्मार्ट कार्ड को लेकर क्रेज
अब शहर में स्मार्ट कार्ड बनवाने को लेकर लोगों में क्रेज बढ़ गया है। आरटीओ आफिस में रोजाना 50 से 70 लोग अपना कार्ड बनवाने के लिए टेस्ट देने के लिए पहुंच रहे हैैं और वहीं पर 300 से 400 के आसपास आनलाइन आवेदन भी मिल रहे हैं। लेकिन, गर्मी ज्यादा होने की वजह से लोग उतनी संख्या में टेस्ट के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं।
स्मार्ट कार्ड दिखने में आधार कार्ड जैसा
स्मार्ट डीएल का लुक आधार कार्ड जैसा है। इसमें एक क्यूआर कोड बना होता है, जिसमें आपका सारा डाटा स्टोर होता है। स्मार्ट कार्ड रखने में आसान भी होता है और मैनुअल कार्ड की अपेक्षा यह लांग टाइम सेव भी रहता है। इसके क्यूआर कोड की मदद से आपकी सारी डिटेल ली जा सकती है। वहीं इस पर लगे कोड में आपके बैैंक अकाउंट की डिटेल भी होती है जिसकी मदद से परिवहन विभाग जुर्माना भी आसानी से वसूल सकता है।
डेडलाइन तक मैनुअल है मान्य
परिवहन विभाग ने आदेश दिया है कि मैनुअल कार्डधारियों के मैनुअल कार्ड डेडलाइन 31 मई 2022 तक मान्य होंगे, लेकिन उनको रिनुअल नहीं किया जाएगा। स्मार्ट कार्ड को फिर से बनवाना होगा और वही मान्य होगा। इस संबंध में पीयूष कुमार, रीजनल इंस्पेक्टर, डीएल शाखा, परिवहन विभाग, वाराणसी ने कहा कि परिवहन विभाग की योजना के तहत स्मार्ट कार्ड बनाए जा रहे हैं। रेगुलर 60 से 70 लोग अपना टेस्ट देने के लिए आ रहे हैं। यह योजना वर्ष 2013 से ही चल रही है। जल्द से जल्द लोगों को जागरूकता दिखाते हुए स्मार्ट कार्ड बनवा लेने चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।