नई दिल्ली: पाकिस्तान में 8 साल के हिंदू बच्चे पर ईशनिंदा का आरोप लगा है। ये सबसे कम उम्र का बच्चा है जिस पर पाकिस्तान में ईशनिंदा का आरोप लगा है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बाद लड़के को सुरक्षात्मक पुलिस हिरासत में रखा गया है।
'गार्जियन न्यूज' की रिपोर्ट के अनुसार, लड़के का परिवार छुपा हुआ है। पिछले हफ्ते जमानत पर लड़के की रिहाई के बाद मुस्लिम भीड़ द्वारा एक हिंदू मंदिर पर हमला करने के बाद पंजाब प्रांत के रहीम यार खान के रूढ़िवादी जिले में कई हिंदू समुदाय अपने घरों से भाग गए हैं। शांति बनाए रखने के लिए क्षेत्र में सैनिकों को तैनात किया गया है। 7 अगस्त को मंदिर हमले के सिलसिले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। लड़के पर आरोप है कि उसने पिछले महीने एक मदरसे के पुस्तकालय में एक कालीन पर जानबूझकर पेशाब किया, जहां धार्मिक किताबें रखी गई थीं। गार्जियन रिपोर्ट में कहा गया है कि ईशनिंदा के आरोपों में मौत की सजा हो सकती है।
अज्ञात स्थान से बोलते हुए लड़के के परिवार के एक सदस्य ने गार्जियन को बताया, 'वह (लड़का) इस तरह के ईशनिंदा मुद्दों से अवगत नहीं है और वह इन मामलों में झूठा फंसा है। उसे अभी भी समझ नहीं आया कि उसका अपराध क्या था। और उन्हें एक हफ्ते के लिए जेल में क्यों रखा गया। हमने अपनी दुकानें और काम छोड़ दिया है, पूरा समुदाय डर गया है और हमें प्रतिक्रिया का डर है। हम इस क्षेत्र में वापस नहीं लौटना चाहते हैं। हमें नहीं लगता कि दोषियों के खिलाफ या यहां रहने वाले अल्पसंख्यक की सुरक्षा के लिए कोई ठोस और सार्थक कार्रवाई की जाएगी।'
एक बच्चे के खिलाफ दर्ज ईशनिंदा के आरोपों ने कानूनी विशेषज्ञों को झकझोर दिया है, जो कहते हैं कि यह कदम अभूतपूर्व है। इतनी कम उम्र के युवा से पहले पाकिस्तान में कभी किसी पर ईशनिंदा का आरोप नहीं लगाया गया। हालांकि 1986 में अपराध के लिए मृत्युदंड लागू किए जाने के बाद से देश में ईशनिंदा के लिए किसी को फांसी नहीं दी गई है। हां, संदिग्धों पर अक्सर हमला किया जाता है और कभी-कभी भीड़ द्वारा मार दिया जाता है।