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ढाका के इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले को लेकर बोली बांग्लादेश सरकार- दोषियों के खिलाफ लेंगे कड़ा एक्शन

Updated Mar 21, 2022 | 07:44 IST

ISKCON Temple Attack: होली से ठीक एक दिन पहले, यानी 17 मार्च को राजधानी ढाका के वारी में स्थित इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले को लेकर बांग्लादेश सरकार ने बयान जारी किया है।

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तस्वीर साभार:&nbspIANS
इस्कॉन मंदिर पर हमला, बांग्लादेश सरकार ने दिया बड़ा बयान
मुख्य बातें
  • बांग्लादेश सरकार ने ढाका में हुए इस्कॉन मंदिर हमले पर दी प्रतिक्रिया
  • सरकार ने कहा दोषिय़ों के खिलाफ धर्म की परवाह ना करते हुए हुए लिया जाएगा एक्शन
  • होली के एक दिन पहले 17 मार्च को हुआ था इस्कॉन मंदिर पर हमला और तोड़फोड़

ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका स्थित इस्कॉन (ISKCON) के राधाकांत मंदिर पर कट्टरपंथियों द्वारा श्रद्धालुओं पर किए गए हमले और मंदिर में की गई तोड़फोड़ पर शेख हसीना सरकार ने प्रतिक्रिया दी है। 17 मार्च को किए इस हमले को बांग्लादेश सरकार ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दोषियों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही है।

जबरन कब्जा करने का आरोप

सरकार ने कहा है कि यह घटना 17 मार्च 2022 को हुई, जब श्री मोहम्मद शफीउल्लाह (कथित तौर पर वारी राधाकांत इस्कॉन मंदिर से सटे भूखंड के मालिक) पर अदालत के फैसले के बाद भूमि पर जबरन कब्जा करने का प्रयास करने का आरोप है। हालांकि, उसका 15-20 व्यक्तियों के एक समूह (इस्कॉन मंदिर के प्रधानाचार्य रूपानुग गौर दास सहित) द्वारा कड़ा विरोध किया गया। यह पता चला है कि इस्कॉन के सदस्यों ने 2016, 2017 और 2021 में श्री मोहम्मद शफीउल्लाह के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 145 के तहत कार्यवाही दर्ज की थी।

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सरकार ने निहित स्वार्थ की कही बात

यह पता चला है कि अदालत ने श्री शफीउल्लाह को भूमि का कब्जा (स्वामित्व) लेने की अनुमति देने का आदेश जारी किया। उसने दावा किया कि उसके पास कानूनी दस्तावेज और जमीन का मूल दस्तावेज है। इस बीच, पीड़ित इस्कॉन सदस्यों ने संपत्ति के स्वामित्व का दावा करते हुए नेशनल प्रेस क्लब के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कानून प्रवर्तन अधिकारी दोनों पक्षों के संपर्क में हैं और एक सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। बांग्लादेश ने इस घटना के लिए निहित स्वार्थों को दोषी ठहराया है जो हमले के माध्यम से देश की प्रतिष्ठा को बर्बाद करना चाहते हैं।

इस्कॉन का बयान

देश की सरकार ने कहा है कि धर्म की परवाह किए बिना दोषियों को कठोर सजा दी जाएगी। वहीं इस्कॉन कोलकाता चैप्टर के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने पीटीआई को बताया कि अवामी लीग सरकार ने मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। घटना की निंदा करते हुए, दास ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक दिखने वाले कदम होने चाहिए कि हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर नियमित हमले न हों और न ही उनके उपासना स्थलों स्थलों में तोड़फोड़ हो।’’

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