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जैक मा की 'कमाई' हड़पना चाहता है चीन! यूजर्स का डेटा है अरबपति कारोबारी की 'गुमशुदगी' की वजह!

Updated Jan 06, 2021 | 15:15 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

चीन की बड़ी आईटी कंपनियों में शुमार अलीबाबा के संस्थापक जैक मा के 'गुमशुदा' होने की रिपोर्ट्स के बीच अब सामने आ रहा है कि शी जिनपिंग प्रशासन से इस अरबपति कारोबारी के टकराव की असली वजह कंज्‍यूमर डेटा है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
जैक मा की 'कमाई' हड़पना चाहता है चीन! यूजर्स का डेटा है अरबपति कारोबारी की 'गुमशुदगी' की वजह!

बीजिंग : कभी एशिया के सबसे धनी व्‍यक्ति के तौर पर पहचाने जाने वाले चीन के अरबपति कारोबारी जैक मा को लेकर बीते कुछ दिनों में कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं। उनके कारोबार में लगातार गिरावट दर्ज की गई है तो उनके 'गुमशुदा' होने की रिपोर्ट्स भी सामने आई हैं। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि वह गुमशुदा नहीं हैं, बल्कि वह कुछ समय के लिए बस सार्वजनिक जीवन से दूर हैं।

ऐसी अटकलों को 'वाल स्‍ट्रीट जर्नल' की उस रिपोर्ट से बल मिला, जिसमें कहा गया कि बीते साल अक्‍टूबर में एक मंच से चीन के राष्‍ट्रपति की आलोचना किए जाने के बाद से वह गायब हैं। इन सबके बीच जैक मा को लेकर एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है, जिसके मुताबिक चीन वास्‍तव में जैक से अपनी कंपनी के यूजर्स के डेटा चाहता है और चीनी प्रशासन के साथ उनका टकराव इसी बात को लेकर है।

कंज्‍यूमर डेटा बनी टकराव की वजह!

'वाल स्‍ट्रीट जर्नल' की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी नियामक लगातार कोशिश कर रहे हैं कि जैक मा अपने विशाल वित्तीय-प्रौद्योगिकी कंपनी के माध्यम से एकत्र किए यूजर-क्रेडिट डेटा को को उससे साझा करे। इसके लिए चाइनीज टेक जाइंट पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। दरअसल, चीन की चिंता कोरोना वायरस संक्रमण के बाद देश में पैदा हुई वित्‍तीय संकट को नियंत्रित करने की है और उसे लगता है कि इसमें जैक मा की कंपनी का डेटा मददगार साबित हो सकता है।

जैक मा की कंपनी के एप 'अली पे' को अरबों लोग इस्‍तेमाल करते हैं, जो एक तरह का पेमेंट व लाइफस्‍टाइल एप है। चीनी नियामकों का माना है कि इससे कंपनी के पास लोगों की आदतों से लेकर कर्ज लेने और चुकाने तक की पूरी जानकारी एकत्र की जा सकती है। जैक मा की कंपनी इन्‍हीं डेटा के जरिये लोन के लेनदेन में बिचौलिये की भूमिका निभाकर बिजनेस में फायदा उठाती है। अब वही जानकारी चीनी नियामक चाहते हैं, ताकि वे कंज्‍यूमर्स की खर्च करने की आदतों, उधार लेने और बिल-भुगतान से संबंधित जानकारी जुटा सकें। चीन इसी डेटा पर कंपनी के एकछत्र राज को खत्‍म करना चाहता है।

चीनी एक्‍शन की वजह से कम हुई संपत्ति!

बताया जा रहा है कि जैक मा ने जब चीनी नियामकों के साथ कंज्‍यूमर डेटा शेयर करने से मना कर दिया तो शी जिनपिंग की अगुवाई वाली प्रशासन उनसे नाराज हो गया और उन्‍होंने जैक मा तथा उनकी कंपनी के खिलाफ एक्‍शन लेना शुरू कर दिया। इसका असर उनके कारोबार पर भी देखा जा रहा है, जिसमें बीते दो म‍हीनों में बड़ी गिरावट देखी गई है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स की एक रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया गया, जिसके मुताबिक, अक्‍टूबर में जहां उनके कारोबार का नेटवर्थ 61.7 अरब डॉलर था, वहीं यह घटकर अब 51.2 अरब डॉलर हो गया है। इस तरह बीते दो महीनों में उनके कारोबार में 10 अरब डॉलर से भी अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।

माना जा रहा है कि इसी कार्रवाई के चलते चीन की बड़ी आईटी कंपनियों में शुमार अलीबाबा के संस्थापक जैक मा के देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है और उन्‍हें नजरबंद कर दिया गया है, जिसकी वजह से वह सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आ रहे हैं।