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पाकिस्तान में हर साल 1000 लड़कियों को जबरन कबूल कराया जाता है इस्लाम : रिपोर्ट 

 Each year 1,000 Pakistani girls forcibly converted to Islam
Updated Dec 29, 2020 | 16:42 IST

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के मुताबिक अल्पसंख्यक लड़कियों का धर्म परिवर्तन होने के बाद जल्दी ही उनकी शादी अधेड़ व्यक्ति या अपहरणकर्ताओं से करा दी जाती है।

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 Each year 1,000 Pakistani girls forcibly converted to Islam  Each year 1,000 Pakistani girls forcibly converted to Islam
तस्वीर साभार:&nbspPTI
पाक में हिंदू-ईसाई लड़कियों को ऐसे कबूल कराया जाता है इस्लाम। -प्रतीकात्मक तस्वीर

अपने चर्च में संगीत के साथ बजने वाली भजनों को सुनना नेहा को काफी पसंद था लेकिन पिछले साल वह इन भजनों को गा नहीं सकी। महज 14 साल की उम्र में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कर ईसाई से मुस्लिम लड़की बना दिया गया। यही नहीं उसकी शादी दो बच्चों के पिता और उसकी उम्र से दोगुने व्यक्ति (45) से करा दी गई। नेहा का पति कम उम्र की लड़की से शादी और उससे रेप के आरोप में जेल में बंद है। नेहा के पति के भाई के पास से सुरक्षाबलों ने एक पिस्टल जब्त की है इसके बाद से नेहा डरी हुई है और छिपकर रही है। 

'मुझे मारने के लिए पिस्टल लाया था'
एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक नेहा ने कहा, 'वह मुझे जान से मारने के लिए पिस्टल लाया था।' नेहा उन 1000 अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों में शामिल हैं जिनका पाकिस्तान में हर साल जबरन धर्म परिवर्तित कर उन्हें मुस्लिम बना दिया जाता है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि कोरोना संकट के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को जबरन इस्लाम धर्म कबूल कराने की घटनाओं में तेजी आई है। ऐसा इसलिए क्योंकि लड़कियां स्कूल से बाहर हैं और वे आसानी से सबकी नजरों में आ रही हैं। इस दौरान दुल्हन की तस्करी करने वाले ऑनलाइन काफी सक्रिय हैं।  

धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों में पाक
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस महीने पाकिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों की श्रेणी में डाला है। अमेरिकी आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और सिख समुदाय की नाबालिग लड़कियों को अगवा कर उन्हें मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक इन लड़कियों के साथ रेप और जबरन शादी की जाती है।

जबरन धर्म परिवर्तन के ज्यदातार मामले सिंध से
पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन के ज्यादातर मामले में सिंध प्रांत से आए हैं लेकिन नेहा सहित ईसाई समुदाय के दो मामले हाल के महीनों में सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को अगवा कर उनका जबरन धर्मपरिवर्तन करने वाले ऐसे लोग होते हैं जो या तो लड़कियों को जानने वाले या उनके रिश्तेदार होते हैं। दुल्हन की तलाश करने वाले तस्कर भी इसे अंजाम देते हैं। कभी-कभी कर्ज में डूबे परिवार की लड़कियों को भुगतान के रूप में उठा लिया जाता है। 

अधेड़ व्यक्ति से करा दी जाती है शादी
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के मुताबिक अल्पसंख्यक लड़कियों का धर्म परिवर्तन होने के बाद जल्दी ही उनकी शादी अधेड़ व्यक्ति या अपहरणकर्ताओं से करा दी जाती है। इस तरह के मामलों में पुलिस ज्यादातर हाथ पर हाथ धरे रहती है।  एक्टिविस्ट जिब्रान नासिर का कहना है कि गैर-मुस्लिम लड़कियों का शिकार बनाने के लिए 'माफिया' का एक नेटवर्क सक्रिय है। नासिर का कहना है कि पीडियोफाइल मानसिकता वाले बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए ये लड़कियां आसान शिकार हैं। 

कुंवारी लड़कियों की ज्यादा मांग
रिपोर्ट के मुताबिक इन बुजुर्गों की नजर इस्लाम कबूल कराई गईं लड़कियों की जगह कुंवारी लड़कियों पर रहती है। यही नहीं जो परिवार जबरन धर्मपरिवर्तन की शिकायत करते हैं उन्हें ईशनिंदा के आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता है। सिंध प्रांत के दक्षिणी इलाके काशमोरे में एक 13 साल की लड़की सोनिया कुमारी को अगवा कर लिया गया। इसके एक दिन बाद पुलिस ने सोनिया के घर वालों को बताया कि लड़की ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल कर लिया है। इसी तरह से कुछ समय पहले कराची के मध्य इलाके से आरजू रजा (13) नाम की लड़की लापता मिली। ईसाई माता-पिता ने पुलिस से अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत की। दो दिनों के बाद पुलिस ने परिवार को बताया कि उनकी लड़की ने इस्लाम कबूल करने के बाद पड़ोसी मुस्लिम युवक (40) से शादी कर ली है।