वाशिंगटन। ट्रंप शासन के दौरान चीन के साथ अमेरिका का रिश्ता तनावों से भरा रहा है। अब जबकि अमेरिका में नई सरकार आने वाली है तो सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि चीन के मुद्दे पर जो बिडेन प्रशासन किस तरह का रुख अख्तियार करेगा। क्या बिडेन भी ट्रंप की तरह ही शी जिनपिंग सरकार पर हमलावर रहेंगे या उनकी नीति में बदलाव होगा। इस संबंध में जो बिडेन ने जो कुछ कहा वो बेहद महत्वपूर्ण है। बिडेन का कहना है कि चीन की तरफ से मिलने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका को समान विचारधारा वाले देशों के साथ गठबंधन पर काम करना होगा।
चीन के खिलाफ गठबंधन जरूरी
बिडेन का कहना है कि जब हम ट्रेड एब्यूज, तकनी और मानवाधिकार के मुद्दे पर चीन के खिलाफ अपने नजरिये को रखते हैं तो उसे दुनिया सुनती है। लेकिन अगर हमें अपनी बातों को और मजबूती के साथ रखना है तो समान विचार वाले मुल्कों के साथ गठबंधन बनान ही होगा। यह बात तो सच है कि हाल के वर्षों में चीन ने दूसरे मुल्कों के साथ अपने संबंधों को परिभाषित किया है वो चिंताजनक है, ऐसे में अमेरिका चुपचाप बैठकर तमासा नहीं देख सकता है।
सुरक्षा के मोर्चे पर यूएस को मजबूत होना होगा
बिडेन कहते हैं कि अगर दुनिया की आर्थिक व्यवस्था में अमेरिकी भागीदारी को देखें तो वो करीब 25 फीसद है, लेकिन इसे और बढ़ाने की जरूरत है, आर्थिक तौर पर चीन का मुकाबला करने के लिए हमें दूसरे देशों के साथ आर्थिक मोर्चे पर काम करना होगा। चीन और रूस से मिलने वाली सुरक्षा चुनौतियों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमें सबसे पहले अमेरिका को मजबूत बनाने की दिशा में काम करना होगा।