- यूरोपीय संघ, कच्चे तेल की अपनी जरूरतों का करीब 25 फीसदी हिस्सा रूस से पूरा करता है।
- पिछले महीने रूस ने पोलैंड और बुल्गारिया को गैस सप्लाई रोकने का ऐलान किया था
- पश्चिमी देश SWIFT के जरिए रूस से लेन-देन को पहले ही प्रतिबंधित कर चुके हैं।
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच लंबे खिंच चुके युद्ध के बीच यूरोपीय संघ नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। रूस पर इसके तहत छठे दौर के प्रतिबंध लगाए जाएंगे। जिसमें यूरोपीय संघ रूस से आयात होने वाले कच्चे तेल को रोक सकता है। इसके तहत कच्चे तेल के आयात पर रूस से निर्भरता अगले 6 महीने में खत्म करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है। अभी यूरोपीय संघ अपनी जरूरतों का करीब 25 फीसदी हिस्सा रूस से पूरा करता है। अगर ऐसा होता है तो रूस के लिए यह बड़ा झटका होगा। नए प्रतिबंधों में रूस के बड़े बैंकों और ब्रॉडकास्टर्स को भी टारगेट किया जा सकता है।
क्या है तैयारी
बुधवार को यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय संसद को संबोधित करते हुए, यह प्रस्ताव दिया कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को छह महीने के भीतर रूस से कच्चे तेल के आयात और साल के अंत तक रिफाइंड उत्पादों के आयात को समाप्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि हम रूसी तेल पर निर्भरता को चरणबद्ध तरीके से खत्म करे दें, जिससे हमें वैकल्पिक साधनों का सुनिश्चित करने का मौका मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावों को प्रभावी होने के लिए सर्वसम्मति से समर्थन किया जाना चाहिए। हालांकि सर्वसम्मित हासिल करना इतना आसान नहीं है, क्योंकि यूरोपीय संघ के कई देशों की सीमाएं सीधे रूस से जुड़ी हुई है और उनकी निर्भरता भी ज्यादा है।
रूस कर चुका है पोलैंड और बुल्गारिया पर कार्रवाई
लगातार यूरोपीय देशों द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद, पिछले महीने रूस ने पोलैंड और बुल्गारिया को गैस सप्लाई रोकने का ऐलान कर दिया था उसने यह कदम दोनों देशों द्वारा रूबल में व्यापार नहीं करने के फैसले के बाद उठाया था। ऐसे में यूरोपीय यूनियन के नए प्रस्ताव के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन दूसरे सख्त कदम उठाने का ऐलान कर सकते हैं। इसके पहले पश्चिमी देश SWIFT के जरिए रूस से लेन-देन को प्रतिबंधित कर चुके हैं। इसे देखते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन का समर्थन करने वाले देशों से कहा था कि वह डॉलर और यूरो में पेमेंट करने के बजाय रूबल में कारोबार करें।
रूस की नई योजना पर बोले जेलेंस्की, अब मदद के लिए अगला कौन आएगा