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नहीं रहे आसमान को राफेल से दहलाने वाले ओलिवियर डसॉल्ट, भारत को दिए अचूक हथियार    

Updated Mar 08, 2021 | 12:45 IST

Olivier Dassault : ओलिवियर डसॉल्ट (69) की रविवार को उत्तरी फ्रांसीसी शहर टॉइक्स में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई। इस दुर्घटना में उनके साथ पायलट भी मारा गया।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
नहीं रहे आसमान को राफेल से दहलाने वाले ओलिवियर डसॉल्ट।
मुख्य बातें
  • रविवार को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में ओलिवियर डसॉल्ट की मौत हो गई
  • डसॉल्ट कंपनी बनाती है राफेल लड़ाकू विमान, समाचार पत्र के भी मालिक थे
  • उद्योगपति होने के साथ-साथ वह सांसद और फोटोग्रोफर भी थे

नई दिल्ली : फ्रांस के अरबपति उद्योगपति और राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली डसॉल्ट कंपनी के मालिक ओलिवियर डसॉल्ट की रविवार को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई। ओलिवियर उद्यमी सर्ग डसॉल्ट के सबसे बड़े बेटे थे। वह समाचार पत्र ली फिगारो के मालिक भी थे। ओलिवियर के निधन पर फ्रांस के राष्ट्रुति इमैनुएल मैक्रो ने शोक संवेदना जाहिर की। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, 'ओलिवियर डसॉल्ट फ्रांस से प्यार करते थे। वो इंडस्ट्री के कैप्टन, सांसद, स्थानीय निर्वाचित अधिकारी, वायु सेना में रिजर्व कमांडर थे। अपने पूरे जीवन में उन्होंने देश की सेवा की। उनका इस तरह अचानक जाना एक बहुत बड़ी क्षति है।'

डसॉल्ट (69) की रविवार को उत्तरी फ्रांसीसी शहर टॉइक्स में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई। इस दुर्घटना में उनके साथ पायलट भी मारा गया। प्रतिष्ठित पत्रिका  फोर्ब्स के अनुसार, ओलिवियर डसॉल्ट की संपत्ति अनुमानित तौर पर 6.3 बिलियन यूरो (7.3 बिलियन डॉलर) की थी और वे दुनिया के टॉप अमीरों की सूची में 361वें नंबर पर थे। डसॉल्ट परिवार का फ्रांस में बहुत बड़ा कारोबार है।



ओलिवियर सांसद भी थे। कारोबार और राजनीति में किसी तरह का द्वंद्व न हो इससे बचने के लिए वह डसॉल्ट कंपनी के बोर्ड से हट गए। राजनीति के अलावा वह एक जाने-माने फोटोग्राफर भी थे। 

दुनिया को बेहतरीन लड़ाकू विमान राफेल देकर डसॉल्ट एविएशन चर्चा में आई। राफेल की गिनती दुनिया के उन्नत एवं ताकतवर लड़ाकू विमानों में होती है। इस विमान की खासियतें इसे अनूठा बना देती हैं। यह सीरिया, लीबिया और अफगानिस्तान में अपनी क्षमता साबित कर चुका है। 

4.5 पीढ़ी का यह विमान स्टील्थ फीचर्स से भी युक्त है। यानि कि इसे रडार की पकड़ में आने मुश्किल है। इस विमान की सबसे बड़ी खासियत है कि यह एक बार में कई अभियानों को अंजाम देने के साथ-साथ अपने वजन से डेढ़ गुना भार लेकर उड़ सकता है।  

डसॉल्ट से 36 राफेल विमानों के लिए भारत ने फ्रांस के साथ समझौता किया है। अब तक फ्रांस से करीब एक दर्जन लड़ाकू विमान भारत को मिल चुके हैं। समझा जाता है कि अप्रैल 2022 तक सभी 36 राफेल विमान भारत ोक मिल जाएंगे। 

पाकिस्‍तान और चीन की वायुसेना की ताकत से तुलना करने पर भारत का पलड़ा भारी हो गया है। इसे चीनी वायुसेना के पास मौजूद चेंग्दू J-20 और पाकिस्तानी वायुसेना के F-16 व JF-17 जेट से भी तेज व सटीक मारक क्षमता वाला बताया जा रहा है। 

राफेल में लगने वाले मीटियोर, हैमर, स्कल्प और मीका जैसी मिसाइल और हथियार इसे और घातक बना देते हैं। कई विशेषज्ञों के मुताबिक METEOR मिसाइल एक गेमचेंजर है जिसकी रेंज 100 किलोमीटर से ज्यादा है और 60 किलोमीटर के अंदर दुश्मन विमान को बचने का मौका नहीं मिलता।