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'सैनिकों ने हमारा रेप किया और भूखा रखा', तिग्रे में महिलाओं के साथ रूह कंपा देने वाली वारदात  

hundreds of women and girls during the Tigray war : Amnesty International
Updated Aug 12, 2021 | 13:33 IST

रिपोर्ट के अनुसार सैनिकों पर लगे आरोपों की जांच इथियोपिया के कानूनी अधिकारियों ने की है। इस जांच में कम से कम तीन सैनिकों को दोषी पाया गया है और 25 अन्य पर आरोप तय हुए हैं।

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hundreds of women and girls during the Tigray war : Amnesty Internationalhundreds of women and girls during the Tigray war : Amnesty International
तस्वीर साभार:&nbspAP
'सैनिकों ने हमारा रेप किया और भूखा रखा', तिग्रे में महिलाओं के साथ रूह कंपा देने वाली वारदात।
मुख्य बातें
  • तिग्रे में सैकड़ों महिलाओं और लड़कियों के साथ रेप की घटनाएं सामने आई हैं
  • एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में इथियोपियाई-इरिट्रिया के सैनिकों पर आरोप
  • महिलाओं को बंधक बनाकर कई दिनों तक हुआ उनका सामूहिक बलात्कार

नई दिल्ली : अफ्रीका के पूर्वी देश इथियोपिया में महिलाओं और लड़कियों के साथ रूह कंपा देने वाले अत्याचार हुए हैं। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि इथियोपिया और इरिट्रिया के सैनिकों ने तिग्रे युद्ध के दौरान सैकड़ों महिलाओं और लड़कियों का रेप करने के साथ-साथ उन्हें शारीरिक एवं मानसिक यातनाएं दी हैं। महिलाओं पर इन सैनिकों के अत्याचार एवं यातना पर मानवाधिकार संगठन ने 36 पेज की अपनी एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। अलजजीरा के मुताबिक एमनेस्टी ने अपनी रिपोर्ट में 63 पीड़ितों से बातचीत का हवाला दिया है। यह रिपोर्ट गत बुधवार को सामने आई। 

जांच में दोषी पाए गए हैं सैनिक
रिपोर्ट के अनुसार सैनिकों पर लगे आरोपों की जांच इथियोपिया के कानूनी अधिकारियों ने की है। इस जांच में कम से कम तीन सैनिकों को दोषी पाया गया है और 25 अन्य पर आरोप तय हुए हैं। कुछ महिला पीड़ितों का कहना है कि उनके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ और उन्हें कई सप्ताह तक बंदी बनाकर रखा गया। कुछ ने बताया कि परिवार के सामने उनका रेप हुआ। 

'निजी अंग में कीलें डाली गईं'
एमनेस्टी की रिपोर्ट कहती है कि कुछ महिलाओं के निजी अंग में पत्थर के टुकड़े और कीलें डाली गईं। एमनेस्टी ने कहा, 'इससे महिलाओं के निजी अंगों पर हमेशा के लिए क्षति पहुंची है।' एमनेस्टी की सेक्रेटरी जनरल एग्नेस कैलामर्ड ने कहा, 'जाहिर है कि तिग्रे की महिलाओं एवं लड़कियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से बड़ा आघात देने के लिए रेप एवं यौन हिंसा का इस्तेमाल एक हथियार के रूप में हुआ है। महिलाओं को जिस तरह से यातना दी गई है और इतने बड़े पैमाने पर हुई यौन हिंसा उन्हें सदमा पहुंचाने वाली है। यह युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध जैसा है।'

'नवंबर से जारी है हिंसा'
इथियोपिया का उत्तरी क्षेत्र में गत नवंबर से हिंसा फैला हुई है। प्रधानमंत्री एबी अहमद ने तिग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (टीपीएलएफ) का तख्तापलट करने के लिए अपने सैनिक भेजे जिसके बाद इस इलाके में महिलाओं के साथ दुराचार की घटनाएं सामने आईं। पीएम ने कहा कि टीपीएलएफ ने फेडरल आर्मी कैंप पर हमले किए जिसके बाद सैनिकों की तरफ से यह प्रतिक्रिया हुई। तिग्रे में सेना के आने के बाद यहां हालात बेहद खराब हो गए। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इस इलाके में रहने वाले करीब 400,000 लोग अकाल जैसी हालात का सामना कर रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों का इन लोगों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। 

'उन्होंने हमारा रेप किया और भूखा रखा'
एमनेस्टी की रिपोर्ट के मुताबिक आरोप है कि अबी का समर्थन करने वाले पड़ोसी देश इरिट्रिया और सरकार के सैनिकों, अम्हारा क्षेत्र के मीलिशिया लड़ाकों ने महिलाओं से रेप किया। 12 से ज्यादा पीड़ितों ने एमनेस्टी इंटरनेशनल को बताया कि इरिट्रिया के सैनिकों ने उनका रेप किया जबकि अन्य ने बताया कि उनके साथ दुष्कर्म में इरिट्रिया और इथियोपिया दोनों सैनिक शामिल थे। रिपोर्ट के मुताबिक 40 दिनों तक कथित रूप से बंदी रहने वाली एक 21 साल की पीड़िता ने कहा, 'उन्होंने हमारा रेप किया और भूखा रखा। वे बहुत सारे थे जिन्होंने बारी-बारी से रेप किया। हम जैसी 30 महिलाओं को वे ले गए...हम सभी के साथ रेप हुआ।'

एएफपी कई पीड़ितों का कर चुका है इंटरव्यू 
समाचार एजेंसी एएफपी इथियोपियाई एवं इरिट्रियाई सैनिकों द्वारा गैंगरेप का शिकार हुईं कई पीड़ितों का इंटरव्यू पहले कर चुका है। एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि पीड़ित महिलाएं आज भी शारीरिक एवं मानसिक जटिलताओं से जूझ रही हैं। संगठन का कहना है कि रेप के बाद कई महिलाएं एचआईपी पॉजिटिव पाई गई हैं।