- फरवरी के पहले सप्ताह में चीन की यात्रा पर जाएंगे पाक पीएम इमरान खान
- विदेश मंत्रालय का कहना है कि इससे आपसी रिश्तों में और मजबूती आएगी
- रिपोर्टों में कहा गया है कि चीन से 10 अरब डॉलर का कर्ज मांगेंगे इमरान खान
Imran Khan's China visit: मंहगाई की मार और तंगहाल अर्थव्यवस्था से परेशान पाकिस्तान एक बार फिर अपना दुखड़ा अपने 'सदाबहार दोस्त' चीन के सामने रोने जा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तीन से पांच फरवरी तक बीजिंकी की यात्रा पर रहेंगे। अपनी इस यात्रा को लेकर इमरान खान काफी उत्साहित हैं। उनकी इस यात्रा के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक एवं आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे। विदेश मंत्रालय के इस दावे के बीच रिपोर्टों में यह भी कहा गया कि इमरान खान चीन से 10 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज मांग सकते हैं। इसके अलावा वह पाक-चीन इन्वेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड को दोबारा शुरू करने की भी मांग कर सकते हैं।
आर्थिक संकट का सामना कर रही इमरान सरकार
इमरान खान की सरकार आर्थिक मोर्चे पर कई तरह के संकटों का सामना कर रही है। अर्थव्यवस्था पहले से डावांडोल है। विश्व बैंक सहित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से कर्ज नहीं मिलने एवं बाहरी निवेश नहीं आने की वजह से देश की माली हालत और खराब हो गई है। इमरान सरकार को योजनाओं एवं सरकारी खर्चों की अदायगी के लिए तत्काल बड़ी राशि की जरूरत है। ऐसे में पाकिस्तान की उम्मीद चीन से है। चीन पहले भी पाकिस्तान को कर्ज एवं आर्थिक मदद देता आया है। सभी की नजरें इमरान खान के इस दौरे पर हैं।
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पाकिस्तान में अगले साल होंगे चुनाव
चीन यदि पाकिस्तान को कर्ज दे देता है तो इमरान खान इसे अपनी एक उपलब्धि के रूप में प्रचारित करने की कोशिश कर सकते हैं क्योंकि पाकिस्तान में अगले साल चुनाव होने हैं। पाकिस्तान की जनता पहले से बढ़ी हुई महंगाई से परेशान है। वह इसके लिए सीधे तौर पर पीटीआई सरकार को जिम्मेदार मानती है। इमरान सरकार की कोशिशों के बावजूद महंगाई नियंत्रण से बाहर है। पाकिस्तानी रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी काफी कम हो गया। इन सब स्थितियों के लिए लोग पीटीआई सरकार को दोष देते हैं।
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पाकिस्तान का कर्ज और बढ़ जाएगा
सीपेक को लेकर पाकिस्तान में बड़े-बड़े दावे किए गए। कहा गया कि इससे पाकिस्तान में खुशहाली आएगी। लोगों को रोजगार मिलेगा लेकिन सीपेक का काम एक तरह से ठप पड़ गया है। चीन भी इसे शुरू करने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। जानकारों का मानना है कि चीन से पाकिस्तान को यदि कर्ज मिल भी जाता है तो इससे उसकी मुश्किलें कम नहीं होंगी बल्कि और बढ़ जाएंगी। क्योंकि ये बात सभी जानते हैं कि चीन कोई भी चीज मुफ्त में नहीं देता। वह हर चीज की वाजिब कीमत वसूलता है। कर्ज में पहले से ही बुरी तरह फंसे पाकिस्तान का ऋण बोझ और बढ़ जाएगा।