- ब्रिटेन में एक बार फिर कोरोना के नए मामलों में तेजी आई है
- चीन के कई इलाकों में स्थानीय संक्रमण के केस मिले हैं
- टीकाकरण अभियान से भारत ने इस महामारी पर काबू पाया है
नई दिल्ली : कोरोना टीकाकरण अभियान में भारत गुरुवार को कीर्तिमान रचेगा। देश में टीकाकरण का आंकड़ा 100 करोड़ डोज को पार कर जाएगा। दुनिया के सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने वाला भारत इस महामारी पर नियंत्रण पाता नजर आ रहा है लेकिन इस महामारी की शुरुआत करने वाले देश चीन और ब्रिटेन में यह संकट एक बार फिर सिर उठाता नजर आ रहा है। इन दोनों देशों में हाल के दिनों में कोरोना के मामलों में तेजी आई है। यह महामारी फिर से सिर न उठाए इसके लिए दोनों देशों ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
ब्रिटेन में रोजाना 40,000 से अधिक मामले
ब्रिटेन में कोरोना वायरस संक्रमण के रोजाना 40,000 से अधिक मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य सेवा से अधिकारियों ने सरकार से अनिवार्य रूप से मास्क पहनने जैसे सख्त कोविड-19 रोकथाम नियमों को लागू करने का अनुरोध किया है। ब्रिटेन में मंगलवार को संक्रमण के 43,738 मामले दर्ज किए गए जबकि वायरस के कारण 223 मरीजों की मौत हो गई जोकि मार्च के बाद से एक दिन में वायरस के चलते जान गंवाने वालों की सबसे अधिक संख्या है। जुलाई महीने के बाद ब्रिटेन में संक्रमण के नए मामलों में तेजी देखी जा रही है।
चीन के कई इलाकों में संक्रमण के नए केस मिले
चीन की अगर बात करें तो पिछले कुछ दिनों में यहां के कई शहरों में कोरोना के नए मामलों में वृद्धि हुई है। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए यहां के स्थानीय अधिकारियों को अपने प्रयास दोगुना करने के निर्देश दिए गए हैं। चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के आंकड़े के मुताबिक 19 अक्टूबर को यहां संक्रमण के 17 नए स्थानीय केस मिले। ये नए केस आठ शहरों एवं प्रशासनिक प्रभागों में मिले हैं। चीन के उत्तरी इलाकों में संक्रमण के नए मामले मिलने के बाद कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक 13 अक्टूबर के बाद चार नए स्थानीय केस मिलने पर चीन ने एरनहाट शहर में लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया है।
भारत में कोरोना वॉरियर्स को जाता है श्रेय
कोरोना महामारी से जंग में भारत की स्थिति यदि बेहतर हुई है तो इसके पीछे कोरोना वॉरियर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स की अहम भूमिका है। मुश्किलों एवं चुनौतियों के बावजूद टीकाकरण अभियान की गति को मंद नहीं पड़ने दी गई। अभियान की शुरुआत में देश में टीकों की कमी महसूस हुई लेकिन धीरे-धीरे स्थितियां नियंत्रण में आ गईं। इस अभियान में केंद्र को राज्यों का भी साथ मिला है।
ड्रोन से पहुंचाए गए डोज
स्वास्थ्य कर्मियों ने दूरदराज इलाकों में जाकर लोगों को वैक्सीन लगाई। जहां वैक्सीन पहुंचने में दिक्कत थी वहां पर ड्रोन के जरिए टीके पहुंचाए गए। बाढ़ के दौरान स्वास्थ्यकर्मी नाव में सवार होकर लोगों तक पहुंचे और उन्हें टीका लगाया। हालांकि, अभी कोरोना की तीसरी की लहर का खतरा टला नहीं है लेकिन जागरूकता, कोविड गाइडलाइन का पालन और टीकाकरण से इस महामारी को हराया जा सकता है।