- तालिबान ने आत्मघाती हमलावरों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की है
- उनकी तारीफ करते हुए तालिबान ने उन्हें इस्लाम और मुल्क का नायक कहा
- तालिबान ने ऐसे लोगों के घरवालों को आर्थिक मदद व भूमि की पेशकश भी की
काबुल : अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान अब आत्मघाती हमलावरों का महिमामंडन कर रहा है। तालिबान ने अफगानिस्तान में बीते 20 वर्षों में अमेरिकी शासन के दौरान अफगान सरकार और इसके पश्चिमी सैन्य सहयोगियों के खिलाफ हमले में जान गंवाने वाले आत्मघाती हमलावरों की तारीफ करते हुए उनके परिवार वालों को आर्थिक मदद तथा भूमि देने की पेशकश भी की।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सिराजुद्दीन हक्कानी, जिसे तालिबान प्रशासन में 'कार्यवाहक आंतरिक मामलों का मंत्री' समझा जाता है और एक अन्य शख्स जिसके सिर पर अमेरिका ने 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा है और जिसे 'वैश्विक आतंकवादी' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, वह भी आत्मघाती हमलावरों के परिजनों से मिला।
इसके लिए काबुल के इंटरकांटिनेंटल होटल में एक समारोह का आयोजन किया गया था, जो 2018 में खुद आत्मघाती हमलों का निशाना बन चुका है। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात की जो आधिकारिक तस्वीरें जारी की गई हैं, उनमें हक्कानी के चेहरे को धुंधला कर दिया गया है। ट्विटर पर एक बयान में कहा गया है कि मंत्री ने अपने आत्मघाती हमलावरों की तारीफ करते हुए उन्हें इस्लाम और देश का नायक कहा।
कपड़े, नकदी और जमीन का वादा
प्रवक्ता कारी सईद खोस्ती के हवाले से कहा गया है कि आत्मघाती हमलावरों के परिवारों को कपड़े, 10,000 अफगानी मुद्रा (111 डॉलर) दिए गए और जमीन देने का वादा किया गया।
हक्कानी अपने पिता जलालुद्दीन हक्कानी के बाद हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख बना हुआ है, जो तालिबान से संबद्ध एक आतंकी समूह है। पश्चिमी खुफिया सेवाओं ने अफगान युद्ध के दौरान कई खूनी आत्मघाती हमलों के लिए इसे दोषी ठहराया है। वह 2008 में काबुल में एक अन्य होटल पर हुए हमले के सिलसिले में अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (FBI) द्वारा पूछताछ के लिए वांछित है, जिसमें एक अमेरिकी नागरिक सहित छह लोगों की जान गई थी।
अफगानिस्तान की पश्चिमी समर्थित सरकार पर अगस्त में तालिबान की जीत के बाद ISIS के आतंकियों ने मस्जिदों और अन्य लक्ष्यों को निशाना बनाकर कई आत्मघाती हमले किए, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए।