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China में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को भारत सरकार ने किया आगाह, एडवाइजरी जारी कर बताई ये बातें

India issues advisory for students planning to study in China
Updated Sep 11, 2022 | 11:41 IST

भारत सरकार ने ( Govt of India) ने चीन में मेडिकल की पढ़ाई (Medical Education In China) करने के इच्छुक स्टूडेंट्स को एक डिटेल्ड एडवाइजरी जारी कर आगाह किया है।

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India issues advisory for students planning to study in ChinaIndia issues advisory for students planning to study in China
तस्वीर साभार:&nbspANI
चीन में पढ़ने की योजना बना रहे छात्रों के लिए भारत ने जारी की एडवाइजरी
मुख्य बातें
  • चीन में पढ़ने की योजना बना रहे छात्रों के लिए भारत ने जारी की एडवाइजरी
  • कोविड वीजा प्रतिबंधों के कारण दो साल से ज्यादा समय से घर बैठे हैं छात्र
  • छात्रों की परेशानी को लेकर अपने चीनी समकक्ष से मिल चुके हैं विदेश मंत्री जयशंकर

बीजिंग: भारत ने चीनी मेडिकल स्कूलों में पढ़ने से संबंधित एक विस्तृत सलाह जारी की है। दरअसल इन कॉलेजों में हजारों भारतीय छात्रों ने एडमिशन लिया है और   COVID-19 महामारी के बीच वे घर में ही फंसे हुए हैं। चीनी वीजा प्रतिबंध से विभिन्न चीनी विश्वविद्यालयों में नामांकित 23,000 से अधिक भारतीय छात्र प्रभावित हुए हैं। भारतीय दूतावास ने 8 सितंबर को एक बयान में कहा, 'बीजिंग में भारत के दूतावास को भारतीय छात्रों और उनके माता-पिता से चीन में स्नातक नैदानिक ​​चिकित्सा कार्यक्रम में प्रवेश लेने के संबंध में कई सवाल मिल रहे हैं।'

किया आगाह!

चीन ने जुलाई में कहा था कि वह भारतीय छात्रों की वापसी को सुविधाजनक बनाने के प्रयास कर रहा है और इसके लिए संबंधित विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है तांकि भारतीय छात्रों का पहला बैच जल्द से जल्द चीन में अध्ययन के लिए वापस आ सके। भारतीय दूतावास ने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन द्वारा किए गए एक अध्ययन का लिंक भी साझा किया, जिसमें बताया गया है कि 2015 से 2021 तक FMG परीक्षा में बैठने वाले 40,417 छात्रों में से केवल 6387 ने ही इसे पास किया है।

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बयान में आगे कहा गया है, 'अध्ययन से पता चलता है कि 2015 से 2021 तक एफएमजी परीक्षा में बैठने वाले 40,417 छात्रों में से केवल 6387 ने ही इसे पास किया है। यहां, इन 45 विश्वविद्यालयों में उस अवधि में चीन में नैदानिक ​​​​चिकित्सा कार्यक्रम का अध्ययन करने वाले भारतीय छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत केवल 16 प्रतिशत रहा।' चीनी विश्वविद्यालयों से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्र COVID-19-प्रेरित प्रतिबंधों के कारण कक्षाओं में भाग लेने के लिए चीन नहीं लौट पा रहे हैं।

विदेश मंत्री से मिल चुके हैं जयशंकर

इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक की और भारतीय छात्रों की जल्द से जल्द कक्षाओं में भाग लेने के लिए चीन लौटने की प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। भारतीय छात्रों की वापसी की सुविधा के लिए जयशंकर ने 25 मार्च को वांग यी से मुलाकात की। आपको बता दें कि कोविड वीजा प्रतिबंधों के दो साल से ज्यादा समय गुजरने के बाद चीन ने हाल में कुछ चुनिंदा छात्रों को वापस आने के लिए वीजा जारी किया था। कोविड प्रतिबंधों की वजह से अभी भी चीन के लिए सीमित उड़ानें हैं। 

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