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जानिए क्यों खास रही Biden और PM Modi की मुलाकात? पाकिस्तान ही नहीं चीन को भी दिया साफ संदेश

Updated Sep 25, 2021 | 06:45 IST

Modi-Biden Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच शुक्रवार को एक लंबी मुलाकात हुई। बाइडेन ने जिस गर्मजोशी से पीएम मोदी का स्वागत किया वो बहुत कुछ दर्शाता है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
जानिए क्यों खास रही बाइडेन और पीएम मोदी की मुलाकात?
मुख्य बातें
  • बेहद खास रही पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की मुलाकात
  • दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को मजबूत करने पर दिया जोर
  • अफगानिस्तान में नए हालत को लेकर हुई चर्चा, वहीं इंडो पैसिफि‍क का जिक्र कर चीन को भी दिया गया संदेश

वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति से मिले तो बहुत कुछ बदल चुका था। अमेरिका की कमान ट्रम्‍प की जगह जो बाइडेन के हाथ में थी, जिनका मिजाज ट्रम्‍प से बिल्‍कुल अलग है। वहीं दुनिया भी बदल गई है और नई चुनौतियां भी जुड़ गई हैं। अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिक अपने वतन लौट चुके हैं, अब वहां तालिबान की सरकार है, चीन और पाकिस्‍तान की चुनौती तो बरकरार है लेकिन कोरोना महामारी एक नई चुनौती लेकर आई है जिससे अमेरिका और भारत दोनों देशों में लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ी। ऐसे दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के मुखिया जब  आपस में मिले तो इन चुनौतियों पर ही फोकस रहा। 

द्विपक्षीय बातचीत में इंडो पैसिफि‍क का जिक्र कर बाइडन ने चीन को साफ संदेश देने की कोशिश की है कि वो समंदर में दादागीरी करना बंद करे।वहीं अफगानिस्‍तान के पूरे प्रकरण में अमेरिका की छवि को जिस तरह धक्‍का लगा अब वो उसके लिए पाकिस्‍तान को जिम्‍मेदार मान रहा है। वहीं भारत के लिए भी  पाकिस्‍तान प्रायोजित आतंकवाद चुनौती बना हुआ है। 

अफगानिस्तान का हुआ जिक्र

दोनों पक्षों ने अफगानिस्‍तान में आतंकवाद से लड़ने पर जोर दिया।  दोनों ने कहा कि तालिबान अपने उस वादे पर कायम रहे जिसमें कहा गया है कि 
अफगानिस्‍तान की जमीन का इस्‍तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होगा। ये भी कहा गया कि तालिबान अफगानिस्‍तान में महिलाओं, बच्‍चों और अल्‍पसंख्‍यकों के मानवाधिकारों का सम्‍मान करेगा, मानवीय मदद पहुंचने देगा। दोनों पक्ष इसके लिए  सियासी बातचीत करेंगे। भारत ने आतंकि संगठनों को मिल रहे पाकिस्तान के सहयोगी और अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका का भी मुद्दा उठाया और दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि अफगानिस्तान की धरती से आतंकवाद का इस्तेमाल किसी दूसरे देश के लिए न किया जाए। इसके अलावा दोनों देश इस बात पर भी सहमत हुए हैं अफगानिस्तान के आतंकी संगठनों को पड़ोसी देशों से मिल रही आर्थिक मदद को भी रोका जाए

अमेरिकी भारतीय है रिश्तों की अहम कड़ी

अमेरिका और भारत के बेहतर होते रिश्‍तों के बीच एक अहम कड़ी है अमेरिका में रहने वाले प्रवासी भारतीय, यही वजह है कि प्रेसीडेंट बाइडन और 
प्राइम मिनिस्‍टर मोदी दोनों ने उनका जिक्र किया। बाइडन ने कहा कि 40 लाख भारतीय हर रोज अमेरिका को मजबूत कर रहे हैं। दरअसल भारत में मोदी सरकार आने के बाद से अमेरिका और भारत के रिश्‍ते  लगातार बेहतर होते गए हैं, दोनों देशों को साझा हितों और साझा चुनौतियों के लिए एक दूसरे की जरूरत है। 

दो सालों में बदली दुनिया

चीन को लेकर अमेरिकी प्रशासन और भारत की सोच एक जैसी  दिख रही है एक तरफ वो आगे बढ़कर किसी लड़ाई में उलझना नहीं चाहता लेकिन उसकी तरफ आंख उठाने पर वो जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है।  बाइडन ने भी माना कि महात्‍मा गांधी के दर्शन की इस समय दुनिया को सबसे ज्यादा जरूरत है।  दो सालों में दुनिया बहुत बदल गई है, कोरोना से जंग हो या आतंकवाद से  अमेरिका और भारत दोनों को एक-दूसरे की पहले से ज्यादा जरूरत है, यही  वजह है कि ये रिश्‍ता और मजबूत होने वाला है। 

अमेरिका ने किया भारत के लिए UN में स्थायी सीट का समर्थन

 अमेरिका ने एक बार फिर दोहराया है कि वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट का पक्षधर है। सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता अभी दो महीने के लिए भारत के पास है। भारत ने इस दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद में अहम भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस बात की भी तारीफ की