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ब्रिटिश पीएम की रेस में इन तीन में कांटे की टक्कर, भारतीय मूल के सुनक बना पाएंगे इतिहास

Updated Jul 08, 2022 | 14:11 IST

Britain New Prime Minister: सर्वेक्षण के अनुसार पीएम पद की रेस में सबसे आगे बेन वालेस हैं, उसके बाद पेनी मोर्डौंट और फिर ऋषि सुनक हैं। लेकिन  इन तीनों  के बीच वोटों का प्रतिशत इतना कम है कि अगर नेता चुनते वक्त इसी तरह के समीकरण बनें तो कोई भी बाजी जीत सकता है।

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ऋषि सुनक बनाएंगे इतिहास
मुख्य बातें
  • ऋषि सुनक की पार्टी के अंदर लोकप्रियता है और कोविड-19 के दौरान दिए गए राहत  पैकेज की वजह से उन्हें जनता का समर्थन मिला है।
  • 650 सदस्यों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत के लिए 326 सदस्यों की जरूरत है। जबकि कंजरवेटिव पार्टी के पास 358 सांसद है।
  • कंजरवेटिव पार्टी गुप्त मतदान के जरिए अंतिम दो उम्मीदवारों का चयन करेगी, उसके बाद प्रधानमंत्री का चुनाव होगा।

Britain New Prime Minister: कंजरवेटिव पार्टी के नेता बोरिस जॉनसन ने गुरूवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जॉनसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन में नए प्रधानमंत्री की तलाश शुरू हो गई है। जॉनसन ने कहा है कि वह नए प्रधानमंत्री चुने जाने तक पद पर बने रहेंगे। चूंकि निचने सदन में कंजरवेटिव पार्टी (टोरी) का बहुमत है, ऐसे में अगला प्रधानमंत्री उसी पार्टी से होगा। नया प्रधानमंत्री कौन होगा, इसको लेकर अभी से कयास लगने लगे हैं। इसको लेकर Yougov ने एक सर्वेक्षण किया है। जिसमें भारतीय मूल के ऋषि सुनक, बेन वालेस और  पेनी मोर्डौंट के बीच कांटे की टक्कर है।

ऋृषि सुनक सहित एशियाई मूल के 4 लोग

सर्वेक्षण के अनुसार प्रधानमंत्री पद की रेस में एशियाई मूल के 4 लोग शामिल हैं। इसमें भारतीय मूल के ऋषि सुनक और प्रीति पटेल है। ऋषि सुनक जहां बोरिस जॉनसन के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री के पद पर थे। वहीं प्रीति पटेल होम सेक्रटरी हैं। इसके अलावा पाकिस्तान मूल के साजिद जावेद भी पीएम की रेस में शामिल हैं। वह जॉनसन के मंत्रिमंडल में हेल्थ सेक्रेटरी थे। इसी तरह नदीम जहावी भी पीएम के रेस में आ गए हैं। ईराकी मूल के जहावी को सुनक के इस्तीफे के बाद जॉनसन ने वित्त मंत्री बनाया था। लेकिन उन्होंने जॉनसन के इस्तीफे की मांग कर डाली थी।

टॉप-3 में कांटे की टक्कर

Yougov ने जिन 716 कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों को सर्वेक्षण में शामिल किया है। उसके अनुसार पीएम पद की रेस में सबसे आगे बेन वालेस हैं, उसके बाद पेनी मोर्डौंट और फिर ऋषि सुनक हैं। लेकिन  इन तीनों  के बीच वोटों का प्रतिशत इतना कम है कि अगर नेता चुनते वक्त इसी तरह के समीकरण बनें तो कोई भी बाजी जीत सकता है। सर्वेक्षण के अनुसार बेन वालेस को 13 फीसदी, पेनी मोर्डौंट को 12 फीसदी और सुनक को 10 फीसदी कंजर्वेटिव पार्टी के नेताओं का समर्थन प्राप्त है। जबकि चौथे नबर पर 8 फीसदी नेताओं के समर्थन के साथ लिज ट्रस हैं। साफ है कि इन तीनों नेताओं में कांटे की टक्कर है।

नेता सर्वेक्षण में कितना वोट (प्रतिशत)
बेन वालेस 13
पेनी मोर्डौंट 12
ऋषि सुनक 10
लिज ट्रस  8
माइकल गॉव 7
डॉमिनिक राब 7
टॉम तुगेन्दाटा 6
जेरमी हंट 5
नदीम जहावी 5
साजिद जाविद 4
प्रीति पटेल 3
स्टीवन बार्कले 1

Source: UGOV

क्या कोई एशियाई मूल का बनेगा प्रधानमंत्री

जिस तरह ऋषि सुनक की पार्टी के अंदर लोकप्रियता है और कोविड-19 के दौरान दिए गए राहत  पैकेज की वजह से उन्हें जनता का समर्थन मिला है। उसे देखते हुए सुनक के अंदर सर्वेक्षण को पलटने की क्षमता है। और अगर ऐसा होता है तो ऐसा पहली बार होगा कि कोई एशियाई और भारतीय मूल का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनेगा। सुनक के अलावा रेस में प्रीति पटेल, साजिद जावेद,नदीम जहावी भी रेस में शामिल हैं। हालाकि सर्वेक्षण के अनुसार वह टॉप-5 की लिस्ट में नहीं हैं।

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ब्रिटेन में कैसे चुना जाएगा प्रधानमंत्री

जॉनसन के इस्तीफे के बाद, ब्रिटेन में प्रधानमंत्री के लिए चुनाव नहीं होंगे। ऐसा इसिलए हैं कि निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में कंजरवेटिव पार्टी के पास पहले से ही बहुमत है। 650 सदस्यों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत के लिए 326 सदस्यों की जरूरत है। जबकि कंजरवेटिव पार्टी के पास 358 सांसद है। वहीं मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी के पास 200 सदस्य हैं। 

ऐसे में पार्टी के अंदर ही प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके तहत जो सांसद प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी करना चाहते हैं, उन्हें अपनी दावेदारी पेश करनी होगी। । हालांकि, कोई भी नेता 2 सांसदों के समर्थन  से दावेदारी पेश कर सकता है। कुल दावेदारों के आने के बाद राउंड के आधार पर पार्टी सांसद गुप्ट मतदान करते  हैं। कम वोट पाने वाले उम्मीदवार हटते जाते हैं। जब अंतिम  चरण में केवल 2 उम्मीदवार बचते हैं तो उनके लिए पार्टी के सांसद और अन्य सदस्य वोटिंग करते हैं। जो  कि पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डालते हैं। और उसमें जीतने वाला उम्मीदवार प्रधानमंत्री पद के लिए चुना जाएगा। अब देखना यह है कि इस रेस में सुनक बाजी मार कर इतिहास रचते हैं या फिर कुर्सी किसी और के हाथ में आती है।