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किम जोंग-उन की गैर-मौजूदगी में उत्‍तर कोरिया ने किया हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया

Updated Sep 29, 2021 | 07:51 IST

North Norea missile test: उत्तर कोरिया ने एक बार फिर हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किए जाने का दावा किया है, जिस पर अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
दक्षिण कोरिया में सियोल रेलवे स्‍टेशन पर एक न्‍यूज प्रोग्राम के दौरान टीवी पर उत्‍तर कोरिया के मिसाइल लॉन्‍च को देखते लोग
मुख्य बातें
  • उत्‍तर कोरिया ने नई हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण का दावा किया है
  • अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है
  • उत्‍तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण का मसला UNSC की बैठक में भी उठा

प्‍योंगयांग : उत्‍तर कोरिया ने एक बार फिर नई हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है। मिसाइल को उत्‍तर कोरिया के उत्‍तरी जगंग प्रांत से दागा गया, जो पूर्वी समुद्र तट की ओर गया। उत्‍तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी KCNA की रिपोर्ट में इसे हाइपरसोनिक मिसाइल बताया गया है, जिस पर अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। यह मसला संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में भी उठा।

उत्‍तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी KCNA ने बुधवार को बताया कि मंगलवार को पूर्वी तट से जिस मिसाइल का परीक्षण किया गया, वह हाइपरसोनिक मिसाइल थी। इसे नए हथियारों की शृंखला में नवीनतम बताया गया है। इस परीक्षण को लेकर चर्चा यह भी है कि उत्‍तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन इस दौरान मौजूद नहीं रहे, जबकि ऐसे अन्‍य मौके पर उनकी मौजूदगी आम तौर पर रहती है।

किम जोंग-उन नहीं थे मौजूद 

किम जोंग-उन के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच अब एक बार फिर मिसाइल परीक्षण के मौके पर उत्‍तर कोरिया के शीर्ष  नेता की गैर-मौजूदगी ने कई सवाल खड़े किए हैं। उत्‍तर कोरिया ने इस मिसाइल को 'सामरिक हथियार' बताया है और कहा कि यह उसकी रक्षा क्षमताओं के लिहाज से बेहद अहम है। यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है कि जब अमेरिकी प्रतिबंधों से राहत पाने के लिए वार्ता को लेकर गतिरोध बना हुआ है।

इस बीच अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने उत्‍तर कोरिया के परमाणु परीक्षण पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह परीक्षण अमेरिकी कर्मियों, क्षेत्र या हमारे सहयोगियों के लिए तत्काल खतरा पैदा नहीं करता, लेकिन यह उत्तर कोरिया के अवैध हथियार कार्यक्रम के अस्थिरकारी प्रभाव को उजागर करता है। दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता कायम रहेगी। इसे लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक भी बुलाई गई और उत्‍तर कोरिया के कदमों की निंदा की गई।