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Corona in Pakistan: वाह जी ! पाकिस्तान देश है या मजाक, कोरोना काल में अनोखे फैसलों का ऐलान

Lockdown in Pakistan
Updated May 20, 2020 | 16:15 IST

Covid-19 in Pakistan: अन्य देशों की तरह पाकिस्तान में भी कोरोना वायरस ने एंट्री ली हुई है। वहां भी धीरे-धीरे आंकड़ों में इजाफा हो रहा है लेकिन एक बार फिर पाकिस्तान ने साबित किया कि वे देश नहीं मजाक हैं।

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Lockdown in PakistanLockdown in Pakistan
तस्वीर साभार:&nbspAP
Lockdown in Pakistan

नई दिल्लीः दुनिया के तमाम देश इस समय कोरोना वायरस महामारी (Covid-19 pandemic) से जूझ रहे हैं। बड़े से बड़े देश को इस महामारी का डंक लगा है। पाकिस्तान भी इससे अछूता नहीं है। पहले से बेहद खराब दौर से गुजर रहे पाकिस्तान पर ये किसी बड़े हमले जैसा है लेकिन फिर भी उनकी आंख नहीं खुली। कोरोना कब विकराल रूप ले लेता है किसी को इसका अंदाजा भी नहीं है, तमाम सुपरपावर देश भी इस वायरस की हरकतों को भांप नहीं पा रहे लेकिन पाकिस्तान में कुछ ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जिनको देखकर ये साबित होता है कि वो देश नहीं, बल्कि एक मजाक बन चुका है।

पाकिस्तान में अब तक तकरीबन 46000 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और तकरीबन 1000 लोगों की मौत हो चुकी है। ये भी सबको पता है कि पाकिस्तान के ये आंकड़े महज एक छलावा है और वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था देखें तो ये आंकड़े इससे काफी ज्यादा होंगे। लेकिन उत्तर कोरिया की तरह पाकिस्तान भी आंकड़े छुपाने में उस्ताद रहा है और ये बात किसी से छुपी नहीं है।

लॉकडाउन के बीच आया कोर्ट का अनोखा फैसला

पिछले 24 घंटों में पाकिस्तान के अंदर कोरोना के 1841 मामले सामने आए और तकरीबन 36 लोगों की मौत भी दर्ज की गई। हालांकि इससे वहां के प्रशासन, न्यायपालिका और सरकार पर कोई असर नहीं है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने तो ऐलान कर दिया है कि लॉकडाउन को पूरी तरह से खोल दिया जाए। कोर्ट ने ये फैसला सुनाते हुए जो वजह बताई, वो इससे ज्यादा चौंकाने वाली है। कोर्ट ने कहा- 'पाकिस्तान में कोरोना महामारी नहीं है। इसलिए लॉकडाउन खोल दिया जाए। शॉपिंग मॉल्स को भी खोलने की इजाजत दी जाए अगर स्वास्थ्य विभाग तैयार है।' इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि इस चीज पर हमें इतना पैसा बहाना सही नहीं लगता क्योंकि पाकिस्तान में कोरोना का कोई असर नहीं है।

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इमरान खान टीवी पर दिखे लाचार

सुप्रीम कोर्ट जहां दुनिया की हालत देखने के बावजूद हास्यास्पद फैसले सुना रहा है। वहीं पाकिस्तान की सरकार तो उनसे भी एक कदम आगे रही है। देश के प्रधानमंत्री इमरान खान जब भी टीवी पर आए तो लाचार ही नजर आए। एक बार तो ये तक कह दिया कि, 'हम पूरा देश बंद नहीं कर सकते क्योंकि हम इतने गरीब है कि देश में भुखमरी आ जाएगी और इसको हम संभाल नहीं सकेंगे'।

ईद आ रही है, लोग भारी संख्या में सड़कों पर, ना मास्क ना कुछ

बड़ा त्योहार (ईद) आ रहा है और ऐसी स्थिति में पूरी तरह से लॉकडाउन खोल देना किसी बड़े हड़कंप का संकेत देता नजर आ रहा है। वैसे भी पाकिस्तान में लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे थे और जैसे ही कोर्ट का फैसला आया तब तो खरीदारी करने वाले भारी संख्या में सड़कों पर आ गए। इक्का-दुक्का लोग ही मास्क पहने नजर आए और भीड़ इतनी कि एक संक्रमित हजारों में बीमारी फैलाने के लिए काफी है।

तो इसलिए भगवान भरोसे छोड़ दिया

पाकिस्तान के सूचना मंत्री शिबली फराज का ताजा बयान पढ़ें तो इससे समझ आ जाता है कि सरकार ने देश को भगवान भरोसे छोड़ने का फैसला ले लिया है। अहम मंत्री पद पर होने के बावजूद फराज ने कहा, 'हालातों को देखें तो हमारी सरकार के पास लॉकडाउन का पालन कराने की पूरी क्षमता मौजूद नहीं है। ऐसे में अगर हम जान बचाने के साथ-साथ व्यापार को भी जार रख सकें तो बढ़िया होगा। दरअसल, हमारे पास और कोई विकल्प भी नहीं बचा है।'

एक तरफ जहां देश के कुछ छोटे कोर्ट अदालत परिसर को बंद कर रहे हैं, वहीं देश का सबसे बड़ा कोर्ट अजीबोगरीब फैसले दे रहा है, इससे ये साफ है कि पाकिस्तान ने अब भी इस महामारी की गंभीरता को समझा नहीं है और ना अन्य देशों की हालत से कुछ सीखा है।