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इमरान सरकार का दोहरा रवैया, PoK के अस्‍पतालों में भेजे गए खराब PPE किट, मास्‍क पर थे पान के दाग

Updated May 20, 2020 | 18:38 IST

PoK News: पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर में एक बार फिर इमरान सरकार का दोहरा रवैया सामने आया है। कई तरह की असुविधाओं से जूझ रहे पीओके के अस्‍पतालों में इस्‍तेमाल किए जा चुके किट पहुंचाए गए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
PoK के अस्‍पतालों में भेजे गए खराब PPE किट, मास्‍क पर थे पान के दाग

मुजफ्फराबाद : दुनियाभर में गहराते कोरोना संकट के बीच भी पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर में स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था की बदहाली एक बार फिर उजागर हुई है। यहां कई अस्‍तपालों में ऐसे पीपीई किट, मास्‍क आदि पहुंचाए गए हैं, जिनका पहले ही इस्‍तेमाल हो चुका है। यहां तक कि इन पर पान के दाग भी साफ नजर आते हैं। अस्‍पतालों ने इसे लेकर शिकायत की है, जिसके बाद सभी किट व मास्‍क को नष्‍ट कर दिया गया है, ताकि संक्रमण और अधिक फैलने से बचा जा सके।

मास्‍क पर थे दाग

मुजफ्फराबाद में शेख खलीफा बिन जैद कम्‍बाइंड मिलिट्री हॉस्‍प‍िटल ने इस्‍तेमाल किए जा चुके पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) और मास्क मिलने की शिकायत की है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर के लगभग सभी अस्‍पतालों में करीब तीन लाख पीपीई किट पहुंचाए गए हैं। राव‍लपिंडी के एक सैन्‍य अस्‍पताल से पीओके के अस्‍पतालों में ये सामान पहुंचाए गए हैं, जिन्‍हें पहले से इस्‍तेमाल किया जा चुका बताया जा रहा है। कई मास्‍क पर लाल रंग के दाग भी थे, जिसका लैब पर टेस्‍ट कराया गया। बाद में पता चला कि ये पान के दाग हैं।

पीओके में फर्जीवाड़ा

इस बार में एक ट्वीट का हवाला देते हुए एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसका पता लगने के बाद कि अस्‍पतालों को मिले पीपीई किट और मास्‍क पहले से इस्‍तेमाल किए जा चुके हैं, इन्‍हें नष्‍ट कर दिया गया। पीओके में इससे पहले फर्जी मेड-इन-चाइना टेस्टिंग मशीन भी उपलब्‍ध कराए गए थे, जिसके बाद अब एक बार फिर खराब पीपीई किट और मास्‍क उपलब्‍ध कराए हैं, जो बेहद 'शर्मनाक' है।

पहले भी उजागर हो चुकी है बदहाली

कोरोना संकट के बीच इससे पहले भी पीओके के साथ भेदभाव और खराब चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था की रिपोर्ट सामने आ चुकी है। पहले ही कई तरह की जटिलताओं का सामना कर रहे पीओके में कोविड-19 के प्रकोप के चलते स्थितियां और दुश्‍वार हो गई हैं और लोगों को अत्यंत संकटपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां न केवल चिकित्सा सुविधाओं की कमी है, बल्कि लोग खाने के सामानों की भारी किल्‍लत का भी सामना कर रहे हैं।