इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहमान मलिक का बुधवार को निधन हो गया। उनके निधन का कारण कोविड संबंधी जटिलताओं को बताया जा रहा है। वह इसी साल जनवरी में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे, जिसके बाद से उन्हें सांस लेने में तकलीफ की शिकायत बनी हुई थी। वह 70 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं।
बेनजीर के थे करीबी
पीपीपी के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहमान की गिनती पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर भुट्टो के करीबियों में होती रही है। एक अरसे तक वह बेनजीर भुट्टो के सुरक्षा प्रमुख रहे तो दिसंबर 2007 में उनकी हत्या के बाद पाकिस्तान में वर्ष 2008 में जब युसूफ रजा गिलानी की अगुवाई में पीपीपी की नई सरकार बनी तो उन्हें गृह मंत्री नियुक्ति किया गया था। रहमान मलिक सीनेट के सदस्य भी रह चुके थे।
राजनीति में आने से पहले रहमान मलिक पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) में विशेष एजेंट के तौर पर अपनी सेवा दे चुके थे। वर्ष 1993 में उन्हें पदोन्नति देकर अतिरिक्त महानिदेशक बनाया गया था। उनकी गिनती पीपीपी के प्रमुख नेताओं में होती रही है। पाकिस्तान के गृह मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने बेनजीर भुट्टो की हत्या मामले की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत का किया था दौरा
पाकिस्तान के बतौर गृह मंत्री उन्होंने भारत का भी दौरा किया था। हालांकि दोनों मुल्कों के संबंधों यह कोई अहम कदम साबित नहीं हो पाया, बल्कि मुंबई हमलों के बाद उनके कई बयान ऐसे रहे, जिसकी वजह से भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तल्खी और बढ़ी ही। जिस वक्त वह पाकिस्तान के गृह मंत्री थे, उसी वक्त पाकिस्तान के आतंकियों ने मुंबई हमले को अंजाम दिया था, जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।