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भारत को अपनी नई एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम S-500 दे सकता है रूस

Updated Nov 02, 2021 | 14:06 IST

Russia S-500 air defence missile system : आरबीसी न्यूज के साथ बातचीत में शुगेव ने कहा कि हम भारत और चीन के साथ अपने उन सभी पुराने सहयोगियों एवं जिनके साथ हमारा पारस्परिक संबंध हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
एस-400 का उन्नत संस्करण है एस-500।
मुख्य बातें
  • रशियन फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन के निदेशक का बड़ा बयान
  • अपनी उन्नत वायु रक्षा प्रणाली एस-500 का निर्यात भारत और चीन को कर सकता है
  • एस-400 का उन्नत एवं अत्याधुनिक संस्करण है वायु रक्षा प्रणाली एस-500

मास्को : रूस आने वाले समय में अपने अत्याधुनिक एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम S-500 की आपूर्ति भारत और चीन दोनों को कर सकता है। रशियन फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन (FSMTC)के निदेशक दमित्री शुगेव ने यह जानकारी दी है।  रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को कहा कि देश में निर्मित एस-500 मिसाइल सिस्टम की पहली खेप शीघ्र मिलेगी। शुगेव के मुताबिक रूस के सशस्त्र बलों के पास इस अत्याधुनिक एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली की पर्याप्त उपलब्धता हो जाने पर इस प्रणाली को अन्य देशों को निर्यात किया जा सकता है। 

अत्याधुनिक एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है एस-500

आरबीसी न्यूज के साथ बातचीत में शुगेव ने कहा कि हम भारत और चीन के साथ अपने उन सभी पुराने सहयोगियों एवं जिनके साथ हमारा पारस्परिक संबंध हैं, उन्हें यह डिफेंस प्रणाली देने पर विचार कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि एफएसएमटीसी इस प्रणाली को हासिल करने के प्रत्येक अनुरोध पर गौर करेगी। एस-500 रूस की अत्याधुनिक एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है। एस-500 एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 का उन्नत रूप है। इसकी मारक क्षमता एस-400 से ज्यादा करीब 600 किलोमीटर (370) है। एस-400 की मारक क्षमता 400 किलोमीटर की है। एस-500 आईसीबीएम के साथ-साथ हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल एवं एयरक्राफ्ट को इंटरसेप्ट और उन्हें निष्क्रिय कर सकती है। 

एस-400 के लिए भारत और रूस के बीच हुआ है समझौता

भारत ने एयर डिफेंस सिस्टम के लिए रूस के साथ करार है। समझा जाता है कि रूस इस साल के अंत में वायु रक्षा प्रणाली एस-400 की आपूर्ति करना शुरू कर देगा। हालांकि, इस डील पर अमेरिका की भी नजर है। रूस के साथ इस डील पर आगे बढ़ने पर भारत पर अमेरिकी प्रतिबंध लगने का खतरा है। अमेरिकी विदेश मंत्री इस ओर इशारा कर चुके हैं। हालांकि, अमेरिका में सांसदों का एक गुट ऐसा भी है जो यह मानता है कि चीन का मुकाबला करने के लिए भारत को यह मिसाइल सिस्टम मिलना चाहिए। अमेरिकी सांसद 'काट्सा' से भारत को राहत देने की बात भी कह चुके हैं।