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'साल 2070 तक नेट-जीरो लक्ष्‍य हासिल करेगा भारत', ग्‍लासगो COP26 में पीएम मोदी का बड़ा ऐलान

Updated Nov 01, 2021 | 22:33 IST

ग्‍लासगो में आयोजित COP26 को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के नेट-जीरो लक्ष्‍य को लेकर बड़ा ऐलान किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत साल 2070 तक इस लक्ष्‍य को हासिल कर लेगा।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
'साल 2070 तक नेट-जीरो लक्ष्‍य हासिल करेगा भारत', ग्‍लासगो COP26 में पीएम मोदी का बड़ा ऐलान
मुख्य बातें
  • COP26 के मंच से पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कई अहम बातों का जिक्र किया
  • प्रधानमंत्री मोदी नें कहा कि भारत वर्ष 2070 तक कार्बन उत्‍सर्जन का नेट-जीरो लक्ष्‍य हासिल करेगा
  • पीएम मोदी ने कहा कि भारत पेरिस घोषणा-पत्र की प्रतिबद्धताओं को 'अक्षरश:' पूरा कर रहा है

ग्‍लासगो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍कॉटलैंड के ग्‍लासगो में आयोजित COP26 में भारत के नेट-जीरो लक्ष्‍य को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्‍होंने कहा कि भारत 2070 तक इस लक्ष्‍य को हासिल करेगा। इस दौरान उन्‍होंने भारत सहित तमाम विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेरिस घोषणा-पत्र की प्रतिबद्धताओं को 'अक्षरश:' पूरा कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

COP26 शिखर सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत की ओर से बयान दिया, जिसमें उन्‍होंने कहा, 'मेरे लिए पेरिस में हुआ आयोजन, एक समिट नहीं, सेंटीमेंट था, एक कमिटमेंट था और भारत वो वादे विश्व से नहीं कर रहा था, बल्कि वो वादे सवा सौ करोड़ भारतवासी अपने आप से कर रहे थे।' उन्‍होंने कहा, आज विश्व की आबादी का 17 प्रतिशत होने के बावजूद, जिसकी कार्बन उत्‍सर्जन में भागीदारी सिर्फ 5 प्रतिशत रही है, उस भारत ने अपना कर्तव्य पूरा करके दिखाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है।

पीएम मोदी ने रखा भारत का ट्रैक रिकॉर्ड

पीएम मोदी ने कहा, 'आज जब मैं आपके बीच आया हूं तो भारत के ट्रैक रिकॉर्ड को भी लेकर आया हूं। मेरी बातें सिर्फ शब्द नहीं हैं, ये भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य का जयघोष हैं। आज भारत स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता में विश्व में चौथे नंबर पर है। विश्‍व की की पूरी आबादी से भी अधिक यात्री भारतीय रेल से हर वर्ष यात्रा करते हैं। इस विशाल रेलवे सिस्टम ने अपने आप को 2030 तक 'Net Zero' बनाने का लक्ष्य रखा है। अकेली इस पहल से सालाना 60 मिलियन टन उत्‍सर्जन कम होगा।'

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'सोलर पावर में एक क्रांतिकारी कदम के रूप में, हमने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहल की। क्लाइमेट एडाप्टेशन के लिए हमने आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन का निर्माण किया है। ये करोड़ों जिंदगियों को बचाने के लिए एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण पहल है। मैं आज आपके सामने एक 'वन-वर्ड मूवमेंट' का प्रस्ताव रखता हूं। यह वन वर्ड यानी एक शब्द, क्लाइमेट के संदर्भ में, One World-एक विश्व का मूल आधार बन सकता है, अधिष्ठान बन सकता है। ये एक शब्द है- LIFE... यानी लाइफस्‍टाइल फॉर एन्‍वायरमेंट।'

'2070 तक नेट-जीरो लक्ष्‍य हासिल करेगा भारत'

COP26 के मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन की समस्‍या से निपटने के लिए पांच 'अमृत तत्‍व' भी सामने रखे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'जलवायु परिवर्तन पर इस वैश्विक मंथन के बीच मैं भारत की ओर से इस चुनौती से निपटने के लिए पांच अमृत तत्व रखना चाहता हूं, पंचामृत की सौगात देना चाहता हूं। पहला- भारत, 2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा। दूसरा- भारत, 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताएं नवीकरणीय ऊर्जा से पूरी करेगा। तीसरा- भारत अब से लेकर 2030 तक के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में एक बिलियन टन की कमी करेगा। चौथा- 2030 तक भारत अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45 प्रतिशत से भी कम करेगा और पांचवां- वर्ष 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा।'

पीएम मोदी ने क्‍लामेट फाइनेंस को लेकर किए गए अब तक के सभी वादों को भी खोखला बताया। उन्‍होंने कहा, 'ये सच्चाई हम सभी जानते हैं कि क्लाइमेट फाइनेंस को लेकर आज तक किए गए वादे खोखले ही साबित हुए हैं। जब हम सभी क्‍लाइमेट एक्शन पर अपनी आकांक्षाएं बढ़ा रहे हैं, तब क्‍लाइमेट फाइनेंस पर विश्व की आकांक्षाएं वहीं नहीं रह सकती, जो पेरिस एग्रीमेंट के समय थी।'

क्‍या है नेट-जीरो लक्ष्‍य?

ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन और वातावरण से ग्रीनहाउस गैस कम करने के बीच के संतुलन को नेट जीरो उत्‍सर्जन कहा जाता है। सीधे अर्थों में समझें तो हर देश को एक डेडलाइन देनी होती है कि उसका कुल कार्बन उत्‍सर्जन कब तक शून्‍य हो जाएगा। दुनिया में सर्वाधिक कार्बन उत्‍सर्जन करने वाले देश चीन ने इसके लिए 2060 तक की समय सीमा निर्धारित की है तो दूसरे नंबर पर मौजूद अमेरिका ने इसके लिए 2050 तक का लक्ष्य रखा है। भारत ने अभी तक अपनी डेडलाइन नहीं बताई थी, जिसका ऐलान आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है और इसके लिए वर्ष 2070 की समय सीमा निर्धारित की है।