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Russia Ukraine War: यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच सुरक्षा परिषद की बैठक, भारत के रुख ने चौंकाया

Updated Feb 26, 2022 | 06:49 IST

UNSC meet on Russin invasion of Ukraine: यूक्रेन में रूस के हमले के खिलाफ संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में अहम बैठक हुई, जिसमें भारत और चीन एक ही नीति का पालन करते नजर आए।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच सुरक्षा परिषद की बैठक, भारत के रुख ने चौंकाया

Russin invasion of Ukraine latest update: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पूरी दुनिया सकते में है। पश्चिमी देशों ने रूस को कड़े लहजे में चेतावनी दी है और आर्थिक प्रतिबंधों का भी ऐलान किया है, लेकिन रूस  पर इन सबका बहुत असर होता नहीं दिख रहा है। इस मसले पर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भी हुई, लेकिन भारत के रुख ने सबसे अधिक चौंकाया। यहां भारत और चीन की नीतियां एक जैसी नजर आईं।

यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर वैश्विक दबाव बनाने की कोशिश लगातार जारी है और इसी के तहत संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गई। UNSC के पांच स्‍थाई और 10 अस्‍थाई सदस्‍यों को बैठक और वोटिंग में हिस्‍सा लेना था। लेकिन एक स्‍थाई और दो अस्‍थाई सहित तीन सदस्‍य बैठक से नदारद रहे। बैठक में हिस्‍सा न लेने वाले UNSC के स्‍थाई सदस्‍य में जहां चीन शामिल रहा, वहीं अस्‍थाई सदस्‍यों में भारत और संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE) शामिल रहे।

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भारत ने चुना अनुपस्थित रहने का विकल्‍प

यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा को लेकर बुलाई गई UNSC की इस बैठक में कुल 12 सदस्‍य शामिल रहे, जिसने रूस ने अपने खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्‍ताव को वीटो कर दिया, जबकि 11 सदस्‍यों ने रूसी कार्रवाई के खिलाफ वोट किया। भारत, चीन और यूएई इसमें शामिल नहीं हुए, जिसमें सबसे अधिक सवाल लोकतांत्रिक मूल्‍यों वाले भारत के रुख को लेकर उठ रहे हैं। इस पर संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के स्‍थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने स्थिति स्‍पष्‍ट की है।

भारत ने आखिर इस वोटिंग से अनुपस्थित रहने का फैसला क्‍यों किया, इसके जवाब में तिरुमूर्ति ने कहा, 'यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है। हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं। मानव जीवन की कीमत पर कभी भी कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। सभी सदस्य देशों को रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए इन सिद्धांतों का सम्मान करने की आवश्यकता है। मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए संवाद ही एकमात्र उत्तर है, लेकिन यह खेद की बात है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया। इन्‍हीं कारणों से भारत ने इस प्रस्ताव पर अनुपस्थित रहने का विकल्प चुना।'

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क्‍या बोला चीन?

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक से चीन भी अनुपस्थित रहा, जिसके UN में स्‍थाई प्रतिनिधि झांग जून ने कहा, 'हम मानते हैं कि सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों को बरकरार रखा जाना चाहिए... एक देश की सुरक्षा दूसरे देशों की सुरक्षा को कम करके आंकने की कीमत पर नहीं आ सकती... यूक्रेन को पूर्व और पश्चिम के बीच एक सेतु की तरह काम करना चाहिए।'