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चीन-ताइवान संकट में अमेरिका की सीधी एंट्री 1 बिलियन डॉलर के हथियारों को देने पर मंजूरी

Updated Sep 03, 2022 | 09:12 IST

अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पैलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन अमेरिका के बीच लगातार तल्खी बढ़ रही है अब ताइवान को  1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के हथियारों बेचने के एलान ने चीन में खलबली मचा दी है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
चीन और ताइवान में संकट बरकरार
मुख्य बातें
  • अमेरिका का ताइवान को 1.09 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सैन्य हथियारों का ऐलान
  • सौदों में हार्पून और सिडविंदर शामिल
  • चीन को ऐतराज कहा अमेरिका दखलंदाजी ना करे

ताइवान को लेकर चीन अमेरिका के बीच टेंशन अब फिर से बढ़ना तय हो गया है, और वजह है अमेरिका का ताइवान को  हथियारों की बिक्री का ऐलान किया है। दरअसल बाइडेन प्रशासन ने ताइवान को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के हथियारों बेचने का एलान किया है स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि अमेरिका 1.09 बिलियन अमेरिकी डॉलर के इन हथियारों में चर्चित हथियार  'हार्पून' , हवा से समुद्र में मार करने वाली मिसाइल के लिए 355 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 'सिडविंदर', हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल  होगी अमेरिका ने साफ किया कि इन हथियारों का बड़े हिस्से में  ताइवान के लिए निगरानी रडार है जिसकी कीमत 655 मिलियन अमरीकी डालर होगी।
अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि ताइवान की सीमा पर  चीन ने अपना सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया है इसलिए ताइवान को  निगरानी और सैन्य हथियारों की जरुरत है और अमेरिका इसके लिए प्रतिबद्ध है।

 ताइवान को हथियार देने की कहानी

पिछले महीने हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था जिसपर चीन ने अमेरिका पर वन चाइना पॉलिसी का उल्लंघन मानते हुए दौरे पर कड़ा ऐतराज जताया था।दौरे के चलते ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तीखी बयानबाजी शुरु हो गयी है। पेलोसी की ताइपे दौरे के बाद भी अमेरिका के अधिकारियों की दो और यात्राएं हुई हैं जिनकी चीन ने विरोध किया और ताइवान के समीप सैन्य अभ्यास शुरु कर दिया था।खबरों के मुताबिक इस दौरान चीन धमकाने के इरादे से कई बार ताइवान के सीमा में घुसा जिससे ताइवान और अमेरिका के बीच सैन्य हथियारों को खरीदने की आम सहमति बनी।

चीन- ताइवान में तनाव की वजह
चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है 1949 की चीनी गृहयुद्ध के बाद ताइवान और चीन अलग हो गए । इसबीच ताइवान ने अपनी अलग शासन की व्यवस्था बनाई जो चीन से इतर लोकतांत्रिक है अब दोनो देशों का कोई आधिकारिक संबंध नहीं है।चीन ने 2016 में स्वतंत्रता-झुकाव वाले ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के चुनाव के बाद अनौपचारिक संपर्क भी काट दिया।

क्या है चीन की प्रतिक्रिया 

शुक्रवार को चीन ने ताइवान को हथियार बेचने के ऐलान पर कड़ी आपत्ति जताई। चीनी प्रवक्ता लियू पेंग्यु ने कहा, इसके विरोध में चीन उचित और जरुरी कदम उठायेगा चीन ने कहा कि अमेरिका के डिफेंस पैकेज ने चीन अमेरिका के संबंधों को गंभीर खतरे में ड़ाल दिया है और अमेरिका अगर इस डिफेंस पैकेज को वापस नही लेगा तो विरोध में चीन उचित कदम उठायेगा।