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कोरोना वायरस को लेकर फिर चीन पर बरसे डोनाल्ड ट्रंप, कहा- उसे ठहराया जाए जिम्मेदार, WHO पर भी बरसे

Updated Sep 22, 2020 | 20:23 IST

Donald Trump: कोरोना वायरस महामारी के लिए एक बार फिर चीन को घेरते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र (UN) को कोविड 19 के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराना चाहिए।

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
मुख्य बातें
  • ट्रंप ने कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहा
  • ट्रंप ने कहा कि कोरोना के लिए UN चीन को जिम्मेदार ठहराए
  • चीन की सरकार और WHO ने वायरस को लेकर झूठ बोला: ट्रंप

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कोरोनो वायरस संकट के लिए चीन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमने चीन वायरस के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। इसने 188 देशों में कई लोगों की जान ली है। ट्रंप ने कहा कि उस देश के जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, जिसने दुनिया को ये महामारी दी। ये संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य डिजिटल बैठक में ट्रंप के भाषण का हिस्सा है।
 
ट्रंप ने कहा, 'द्वितीय विश्व युद्ध के अंत और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 75 साल के बाद हम एक बार फिर से एक महान वैश्विक संघर्ष में लगे हुए हैं। हमने अदृश्य दुश्मन के खिलाफ भयंकर युद्ध छेड़ दिया है- चीन वायरस, जिसने 188 देशों में अनगिनत जानें ली हैं। जैसा कि हम एक उज्ज्वल भविष्य चाहते हैं, हमें उस राष्ट्र को जवाबदेह ठहराना चाहिए जिसने इस प्लेग को दुनिया पर फैलाया है- चीन। वायरस के शुरुआती दिनों में चीन ने उड़ानों को नहीं रोका और दुनिया को संक्रमित होने दिया, जबकि घरेलू स्तर पर यात्रा को बंद कर दिया था।

उन्होंने एक बार फिर चीन के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को घेरा और कहा, 'चीनी सरकार और डब्ल्यूएचओ, जो वास्तव में चीन द्वारा नियंत्रित है, ने झूठ कहा कि वायरस का मानव से मानव में फैलने का कोई सबूत नहीं है। बाद में उन्होंने झूठ कहा कि बिना लक्षणों के लोग बीमारी नहीं फैलाएंगे। संयुक्त राष्ट्र को चीन को जिम्मेदार ठहराना चाहिए। 

राष्ट्रपति ने टीका वितरित करने का वादा किया और कहा, 'हम वायरस को हराएंगे, हम वायरस को हराएंगे और हम महामारी को समाप्त करेंगे और समृद्धि, सहयोग और शांति के एक नए युग में प्रवेश करेंगे।'

संयुक्त राष्ट्र के आलोचक रहे ट्रंप ने ये भी कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र को प्रभावी होना है, तो उसे दुनिया की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जैसे- आतंकवाद, महिलाओं पर अत्याचार, जबरन श्रम, नशीले पदार्थों की तस्करी, मानवीय और यौन तस्करी और धार्मिक उत्पीड़न।