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अब 'AUKUS' से होगी चीन की घेराबंदी, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया ने बनाया त्रिपक्षीय सुरक्षा सहयोग

Updated Sep 16, 2021 | 07:08 IST

AUKUS for Indi-Pacific region : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना सहयोग और मजबूत करने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने एक नए त्रिपक्षीय सुरक्षा भागीदारी की घोषणा की है। इससे चीन चिढ़ सकता है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने बनाया त्रिपक्षीय सुरक्षा भागीदारी तंत्र।
मुख्य बातें
  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिय ने एक नए सुरक्षा तंत्र का गठन किया
  • इन तीनों देशों ने इस नई त्रिपक्षीय सुरक्षा भागीदारी को AUKUS नाम दिया है
  • इसे अपने खिलाफ एक नई पहल के रूप में देख और भड़क सकता है चीन

वाशिंगटन : अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने सुरक्षा क्षेत्र में अपना सहयोग और मजबूत करने एवं भागीदारी बढ़ाने के लिए एक त्रिपक्षीय सुरक्षा सहयोग बनाने की घोषणा की है। इस त्रिपक्षीय सुरक्षा भागीदारी को 'AUKUS' नाम से जाना जाएगा। 'AUKUS' नाम की यह सुरक्षा भागीदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इन देशों के कूटनीतिक, सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाएगी। हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए नए सुरक्षा सहयोग पर इन तीन देशों की युगलबंदी से चीन भड़क सकता है। चीन पहले ही अमेरिका में होने जा रहे क्वाड सम्मेलन पर अपनी नाराजगी एक तरह से जाहिर कर चुका है।  

वर्चुअल बैठक के दौरान हुई इसकी घोषणा

इस त्रिपक्षीय रक्षा सहयोग के गठन पर जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है 'हमने आज जिस पहल की शुरुआत की है, उससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थायित्व लाने में मदद मिलेगी।' बता दें कि इस नई त्रिपक्षीय सुरक्षा सहयोग की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच हुई वर्चुअल बैठक के दौरान हुई। 

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना सहयोग और मजबूत करेंगे तीनों देश

बयान में आगे कहा गया है, 'अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था के प्रति अपनी साझी प्रतिबद्धता एवं स्थायी विचारों से निर्देशित होते हुए ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के नेताओं ने अपने सहयोगी देशों के साथ काम करते हुए और 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना कूटनीतिक, सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग और मजबूत बनाने का संकल्प व्यक्त किया है।'

AUKUS के गठन पर बाइडन ने दिया बयान

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस सुरक्षा सहयोग की घोषणा पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि AUKUS का गठन जरूरी था क्योंकि 'क्षेत्र में मौजूदा रणनीतिक माहौल और आने वाले समय में इसमें होने वाले बदलाव को देखते हुए हमें इस तरह का एक सुरक्षा तंत्र बनाने की जरूरत थी।' उन्होंने कहा कि हम तीनों देशों और दुनिया का भविष्य एक मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर निर्भर करता है।   

हम स्वाभाविक सहयोगी हैं- जॉनसन

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा कि 'AUKUS ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच एक उन्नत सुरक्षा भागीदारी है। इस भागीदारी के तहत हमारी तकनीक, हमारे वैज्ञानिक, हमारे उद्योग और सुरक्षा बल सभी एक साथ मिलकर काम करेंगे। इससे क्षेत्र को और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।' ब्रिटेन के पीएम जॉनसन ने इन तीन देशों को स्वाभाविक सहयोगी बताया।