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पाक की टेंशन और बढ़ेगी, अफगान शरणार्थी संकट पर अमेरिका ने जारी किया नया फरमान

Updated Aug 05, 2021 | 13:29 IST

Afghanistan Refugee Crisis : पाकिस्तान नहीं चाहता कि अफगानिस्तान के शरणार्थी उसके यहां पहुंचे। प्रधानमंत्री इमरान खान सहित उनकी सरकार के हुक्मरान पहले ही इस बारे में बयान दे चुके हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
पाकिस्तान में रहते हैं लाखों की संख्या में रहते हैं अफगानिस्तान के शरणार्थी।
मुख्य बातें
  • अफगानिस्तान में संघर्ष बढ़ने के बाद पाकिस्तान में पहुंच रहे हैं शरणार्थी
  • पाकिस्तान में पहले से ही लाखों की संख्या में मौजूद हैं अफगान शरणार्थी
  • इमरान खान कह चुके हैं कि गृह युद्ध की स्थिति होने पर उनके यहां संकट और बढ़ेगा

वाशिंगटन : अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान सुरक्षाबलों के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद पाकिस्तान में शरणार्थी संकट बना है। अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में शरणार्थी पाकिस्तान पहुंच रहे हैं। इस संकट से पहले से जूझ रहे पाकिस्तान की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं क्योंकि अमेरिका ने इस्लमाबाद से अफगानिस्तान से लगने वाली अपनी सीमा खुला रखने के लिए कहा है। जाहिर है कि इससे पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों की संख्या और बढ़ेगी। तालिबान और अफगान सुरक्षाबलों के बीच टकराव तेज होने के बाद हाल के दिनों में लोग अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित ठिकाने की तलाश में पाकिस्तान पहुंचे हैं। 

अफगान शरणार्थियों को नहीं लेना चाहता है पाक
पाकिस्तान नहीं चाहता कि अफगानिस्तान के शरणार्थी उसके यहां पहुंचे। प्रधानमंत्री इमरान खान सहित उनकी सरकार के हुक्मरान पहले ही इस बारे में बयान दे चुके हैं। इमरान खान ने कुछ दिनों पहले कहा कि उनका देश अफगान शरणार्थी संकट से जूझ रहा है। खान ने कहा कि अफगानिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात यदि बनते हैं तो यह पड़ोसी देश के लिए सबसे बुरी स्थिति होगी। पाकिस्तान में पहले से ही लाखों अफगान नागरिक शरण लिए हुए हैं। संघर्ष बढ़ने पर बड़ी संख्या में शरणार्थी पाकिस्तान पहुंचेंगे और इससे उनकी सरकार के लिए चुनौतियां काफी बढ़ जाएंगी। 

अमेरिका ने घोषित किया नया शरणार्थी कार्यक्रम  
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक अफगान नागरिकों के लिए अमेरिकी के नए शरणार्थी कार्यक्रम पर अपनी बात रखते हुए विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'पाकिस्तान जैसे देश के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी सीमा खुली रखे।' समझा जाता है कि सीमा खुली रखने की मांग वाले इस बयान के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के बीच पहले से आ रहा तनाव और बढ़ सकता है।  

अधिकारी ने कहा, 'जाहिर है कि सीमा खुली रहने पर लोगों के पास उत्तर और ईरान के जरिए तुर्की जाने का विकल्प रहेगा...वे दोनों देशों में प्रवेश कर सकेंगे और वहां की सरकार अथवा यूएनएचसीआर में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।' अमेरिका ने सोमवार को अफगानिस्तान को लेकर अपने नए कार्यक्रम की घोषणा की। नए कार्यक्रम में उन लोगों को संरक्षण मिलेगा जो या तो अमेरिका द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं में काम कर रहे हैं अथवा अमेरिकी मीडिया या एनजीओ की ओर से नियुक्त किए गए हैं।

तुर्की से भी अपनी सीमा खुला रखने के लिए कहा
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के अलावा तुर्की से भी अपनी सीमा 14 महीनों तक खुली रखने के लिए कहा है। कुछ दिनों पहले अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने कहा कि अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान भेजने की बजाय उन्हें अपने देश में ठहरने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'उन्हें दर-दर क्यों भटकाया जाए? अफगानिस्तान में ही उनके लिए व्यवस्था हो। पाकिस्तान के पास अब और ज्यादा शरणार्थी लेने की क्षमता नहीं है।'