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जानिए क्या है 'कॉन्डम बम', जिसे इजरायल के खिलाफ अचूक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है हमास

Updated Jun 20, 2021 | 15:25 IST

फलस्तीन और इजरायल के बीच इन दिनों एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो चले हैं। फलीस्‍तीन का उग्रवाटी गुट हमास कॉन्डम बम के जरिए इजरायल पर बमबारी कर रहा है।

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कॉन्डम बम को भेजने की तैयारी में हमास के उग्रवादी
मुख्य बातें
  • इजरायल और फलीस्‍तीन के बीच लंबे समय से हैं तनावपूर्ण हालात
  • फलीस्तीन का चरमपंथी संगठन हमास इजरायल में भेज रहा है कॉन्डम बम
  • कॉन्डम बमों से इजरायल में खेती को हो रहा है सबसे अधिक नुकसान

नई दिल्ली: इजरायल और फलस्तीन के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। दोनों देशों के बीच मई में एक लंबे संघर्ष के बाद सीजफायर का ऐलान हुआ था लेकिन फिर से हालात वैसे ही बनते दिख रहे हैं। दोनों देशों के बीच फिर से युद्ध जैसी स्थिति हो गई है। फलीस्तीन का उग्रवादी संगठन हमार इजरायल में लगातार बमबारी कर रहा है जिसका इजरायली सेना द्वारा भी मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। हमास 'कॉन्डम बम' के जरिए इजरायली धरती को निशाना बना रहा है।

क्या होता है 'कॉन्डम बम'
फलीस्तीन का उग्रवादी संगठन हमास के सदस्य सबसे ज्यादा  'कॉन्डम बम' का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बम में कॉन्डम को फुलाकर उसके अंदर ज्वलनशील पदार्थ भरे जाते हैं जिन्हें उड़ाकर इजरायली इलाकों में उड़ा दिया जाता है। जैसे ही ये गिरते हैं तो धमाका होता है और फटने के बाद वहां आग लग जाती है। इनका मुख्य मकसद होता है लोगों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ उनकी खेती को चौपट करना। कई लोग इजरायल में इन हमलों के दौरान घायल भी हुए हैं।

 'कॉन्डम बम' से इजरायल में फसलें हुईं नष्ट
हमास द्वारा  'कॉन्डम बम' के हमले में इजरायल की हजारों एकड़ फसल चौपट हो चुकी है जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं हमार के ये  'कॉन्डम बम' जब इजरायल के ग्रामीण इलाकों की खाली जगहों पर गिरते हैं तो बच्चे उन्हें खिलौना समझकर लेने दौड़ पड़ते हैं और जैसे ही बच्चे इन्हें छूते हैं तो ये फट जाते हैं जिससे कुछ बच्चों की मौत भी हुई है। हमास  'कॉन्डम बम' से ही नहीं बल्कि पंतंगों के जरिए भी हमले कर रहा है।

बड़ी संख्या में एकसाथ उड़ाए जाते हैं  'कॉन्डम बम' 
हमास एक रणनीति के तहत   'कॉन्डम बम' हमले कर रहा है और वह बड़ी संख्या में एकसाथ इन्हें उड़ाता है जैसे ही इजरायली सुरक्षाकर्मी इन्हें आसमान में ही नष्ट करते हैं तो ज्वलनशील पदार्थ फटकर जमीन पर गिरता है जिससे वहां नुकसान हो जाता है। यानि ये  'कॉन्डम बम' इजरायल के लिए भी चुनौती बने हुए हैं। हमास के इस काम को आसान कर रही हैं भूमध्य सागर से आने वाली हवाएं जिनकी बदौलत ये तेजी से उड़कर इजरायल की तरफ चले जाते हैं।

अप्रैल -मई में 11 दिन तक चली थी लड़ाई
इससे पहले अप्रैल और मई में सिलसिलेवार हिंसक झड़पों के बाद पिछले महीने इजराइल और गजा के बीच 11 दिन तक लड़ाई चली थी। यरूशलम में अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है जबकि बाइबिल में वर्णित मंदिरों का स्थान होने के चलते यहूदी इसे टेम्पल माउंट कहते हैं। यहां अकसर इजराइली और फलस्तीनियों के बीच हिंसा देखी जाती रही है। बीते शुक्रवार को भी  मस्जिद के परिसर में जुमे के नमाज के बाद फलस्तीनियों ने प्रदर्शन किया और उनकी इजराइल पुलिस के साथ छिटपुट झड़प हुई।